सोनी पांडेय

लाखो की लागत से दो महीने की मेहनत से बना डूब गया चचरी का पूल!
चार किलोमीटर का सफर 17 किलोमीटर में बदला, 40 हजार की बड़ी आबादी के साथ सबसे ज्यादा छात्रों को उठानी पड़ती है परेशानी!
दरभंगा जिले के बिरौल अनुमंडल क्षेत्र में बाढ़ का पानी लगातार दूसरी बार बढ़ रहा है। कमला नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है , जिसके कारण लोगो का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है वही लदहो गॉंव में बाढ़ के पानी ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। गांव में हर साल ग्रामीणों के द्वारा लाखो खर्च कर लदहो नुनिया घाट पर लम्बे चचरी पूल का निर्माण किया जाता है।और उस इलाके के लिए ये चचरी पूल वरदान साबित होता है लभगभ 40 हजार लोग प्रभावित होते है । लेकिन हर साल ग्रामीणों के लाखो रूपये से बना पूल पानी के बढ़ते ही बह जाता है। ऐसे में जो बिरौल मुख्यालय का इस चचरी पूल के रहने से जहां चार किलोमीटर ही तय करना पड़ता है व्ही इस पूल के टूट जाने से 17 किलोमीटर दूर गाड़ी से आने जाने को मजबूर होते है इलाके के लोग। हर बार इलाके के लोग यहाँ पर एक स्थाई पूल की मांग करते है लेकिन सरकार की उदासीनता के कारन आज तक आजादी के बाद इलाके को लोगो को नहीं मिल पाया जिसको लेकर ग्रामीणों में नराजगी देखी जा सकती है।
वहाँ के छात्र के साथ स्थानीय लोगो ने बताया कि लदहो के लाखो रूपये से बना पुल क्षतिग्रस्त होने से परेशानी बढ़ गयी है। बहुत दिनों के बाद स्कूल खुले है ऐसे में जो दूरी चार किलोमीटर में तय किया जा सकता था वो 17 किलोमीटर साइकल या बस से घुम कर आना पड़ता है। कुछ छात्रों ने तो अब स्थाई किराये पर ही बिरौल मुख्यालय में मकान ले लिया है। ऐसे में स्थाई लोगो की मांग है की जल्द वाहन सरकार पूल दे जिससे छात्रों के साथ स्थानीय लोगो को काम आज ,आवाजाही मुख्यालय से सुलभ हो सके।