रिपोर्ट – अमित कुमार
पटना
लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद गंगा घाटों का लगातार दौरा कर रहे है और छठ व्रती महिलाओं को किसी भी प्रकार का कोई परेशानी ना हो इसकी समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश भी दे रहे है। उसके बावजूद भी नीतीश सरकार अपनी नाकामियों को ढ़कने का प्रयास कर रही है जिसको लेकर लोगों में खासा आक्रोश है और जमकर नारेबाजी भी कर रहे है। छठ पर्व को लेकर गंगा घाटों की साफ सफाई समेत अन्य कार्यों के लिए जहाँ सरकार करोड़ो रूपये खर्च कर रही है तो वही अपनी कमियों को छिपाने के लिए लाल पर्दा का उपयोग भी कर रही है। पटना सिटी के मित्तन घाट और दमराही घाट समेत अन्य घाटों पर पटना शहर का नाले का केमिकल युक्त गंदा पानी गंगा नदी में बह रही है जिसके कारण नाले के पानी मे सफेद झाग बन रहे है और गंगा का पानी जहरीला हो रहा है। अभी महापर्व छठ में छठ व्रती महिलाएं इसी पानी से छठ का प्रसाद बनाती है और गंगा नदी में डुबकी लगाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देती है। लेकिन गंगा नदी में नाले का पानी मिलने से छठ व्रती महिलाएं समेत स्थानीय लोग चिंतित है कि इस बार छठ पर्व कैसे मनाएंगी। वही स्थानीय लोगों ने जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से मांग किया है कि तत्काल नाले की पानी पर रोक लगाया जाए ताकि छठ व्रती महिलाओं को परेशानी न हो। वही केंद्र सरकार भी गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए नमामि गंगे का प्रोजेक्ट भी लाया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट निर्मल गंगा सफल होते हुए नही दिख रहा है।