रिपोर्टर — राजीव कुमार झा!
कॉमरेड सीताराम येचुरी के सपनों को साकार करने की जरूरत – पूर्व सांसद सुरेन्द्र प्रसाद
भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मधुबनी जिला कमिटि द्वारा सुरज नारायण सिंह देव नारायण गुरमैता+ 2 विद्यालय के सभा कक्ष में आयोजित कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन पर सर्वदलीय श्रद्धांजलि सह संकल्प सभा का आयोजन किया गया। सभा का अध्यक्षता सीपीएम जिला सचिव मनोज कुमार यादव ने किया, जबकि मंच संचालन दिलीप झा ने किया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए विभूतिपुर के विधायक सह सीपीएम विधायक दल के नेता अजय कुमार ने कहा कि कॉमरेड सीताराम येचुरी जी का जीवन बहुत ही संघर्षशील रहा। कॉमरेड येचुरी के जिवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार तमिलनाडु में 12 अगस्त 1952 को हुआ। उनकी प्राथमिक शिक्षा हैदराबाद में हुआ फिर जब तेलंगाना आंदोलन शुरू हुआ तो प्रेसिडेंट स्कूल से सीबीएसई में भारत में प्रथम स्थान लाए,सेंट स्टीफेन कॉलेज से स्नातक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए किए फिर भारत का छात्र फेडरेशन एस एफ आई का लगातार तीन बार अध्यक्ष बने और पीएचडी में दाखिला लिए और इमरजेंसी आंदोलन में भूमिगत हुए फिर जेल गए उसके बाद भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के पोलित ब्यूरो के सदस्य बने और राष्ट्रीय महासचिव तक का सफर तय किए, येचुरी जी मार्क्सवादी चिंतक, लेखक, साहित्यकार, प्रख्यात अर्थशास्त्री, धर्मनिरपेक्ष एकता के प्रतिक, सर्वश्रेष्ठ सांसद के साथ निपुण वक्ता भी थे, वे दुनिया के कय भाषाओं के ज्ञाता भी रहे, वह विदेशों में भी बड़े बड़े मंच से लोगों को विद्वता का एहसास कराए और अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेता रहे,वह जन जन के नेता थे, और उच्च कोटि के शिक्षक के तौर पर भी कार्य किए, पत्रकारो के सवालों को बहुत ही सरलता बेहिचक जबाब देते रहे,आज हम लोगों के बीच नहीं रहे लेकिन उनके दिखाए रास्ते पर चलने की हम लोग संकल्प ले और भारत के धर्मनिरपेक्ष, एकता भाईचारा सामाजिक न्याय,सामानता के साथ किसान मजदूरों के लिए सदैव अपनी बातों को मजबूती से रखते रहे । वक्ताओं ने कहा कि येचुरी जी बहुत ही लोकप्रिय नेता थे, उन्होंने धर्मनिरपेक्ष दलों को एकजुटता के लिए सदैव तत्पर रहा करते थे, साम्प्रदायिकता के खिलाफ लोगों और नेताओं को गोलबंद कर समान विचारधारा वाले को एक मंच पर लाने का अथक प्रयास करते रहे, वे बहुत ही सुलझे हुए नेता रहे आज़ हम सब के बीच नहीं रहे जो बहुत ही पीड़ादायक है लेकिन भारतीय इतिहास में अमर हो गए , पूर्व सांसद सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि येचुरी जी सांसद में जबरदस्त भाषण किया करते थे, जब संसदीय कार्यकाल में अंतिम भाषण किए तो कई सांसद रोने लगे उनके अंदर जबरदस्त प्रतिभा था, वे प्रतिभा के धनी थे, सांसद में जनता के बुनियादी सवालों को जोड़ सोर से किसान, मजदूर, नौजवान, महिलाओं सब के लिए वे एक आवाज रहे। पूर्व विधायक रामवशिष यादव ने कहा जब सांसद में बोलने का समय आता था तो उनकी बातों को माननीय सर्वोच्च सांसद मे मौजूद लोग बड़ी गंभीरता से उनकी बातों को सुनते थे, सत्ता पक्ष या विपक्ष सभी उनको सम्मान के साथ सुना करते थे,वे बड़े-बड़े सेमिनार में जाते रहे जहां अपनी प्रतिभा से लोगों को समा बांध देते थे, और दुनिया उनको को सुनते थे, वे अपने विचारों, सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं किए। वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में उनके निधन से अपूर्णीय क्षति हुई, हम सब आज संकल्प लें । हम सब उनके विचारो पर मजबूती के साथ चलेंगे। हम सभी को उनसे सिखने की जरूरत है,वे काफी सरल स्वभाव, साधारण जीवन, हंसमुख रहा करते थे , बड़े सम्मान के साथ लोग उनको देखते थे वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहे। सभा को राज कुमार यादव , माले के जिला सचिव धुर्व नारायण कर्ण, सीपीआई के मोती लाल सर्मा, विजय नाथ मिश्र,श्री नारायण महतो, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सितलाम्बर झा, अवधेश कुमार, गणपति झा, आंनद मोहन चौधरी विजय नाथ मिश्र, अजीत यादव, विजय यादव,प्रेम कांत दास, शशिभूषण प्रसाद,राम जी यादव,जय जय राम यादव,बुद्ध प्रकाश,राजेन्द्र यादव, ईश्वर गुरमैता, रुचि कुमारी , श्याम लाल यादव, सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया।