रिपोर्ट – आशुतोष कुमार!
कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा हरनौत का प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय
डॉक्टर को करने पड़ रहे हैं कंपाउंडर से लेकर सफाईकर्मी तक के काम
हरनौत (नालंदा) : नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय की स्थिति चिंताजनक है। यहाँ एक ही व्यक्ति डॉक्टर से लेकर चपरासी तक की भूमिका निभा रहे हैं। स्थानीय प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. रंजीत प्रसाद सिन्हा ने इस दयनीय स्थिति का खुलासा किया। डॉ. सिन्हा ने बताया की मैं अकेला ही इस पशु अस्पताल का संचालन कर रहा हूँ। भले ही यहाँ दो पशुधन सहायक, दो चपरासी और एक चिकित्सक का पद स्वीकृत है, लेकिन वास्तविकता में मेरे अलावा कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें चिकित्सक के साथ-साथ कंपाउंडर और चपरासी की भूमिका भी निभानी पड़ती है। प्रखंड में स्थित अन्य दो पशु चिकित्सालयों की स्थिति भी कुछ बेहतर नहीं है। कल्याण बिगहा और तेलमर के पशु चिकित्सालय किराए के भवनों में चल रहे हैं। तेलमर में केवल एक चिकित्सक (डॉ. अविनाश चंद्र) कार्यरत हैं, जबकि कल्याण बिगहा में एक चिकित्सक (डॉ. राजेश कुमार) और एक चपरासी तैनात हैं। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए डॉ. सिन्हा ने प्रशासन से कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग की है। उन्होंने कहा की कर्मचारियों की कमी से न केवल हमारा काम प्रभावित हो रहा है, बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल भी उचित तरीके से नहीं हो पा रही है।