रिपोर्ट – अमित कुमार
IMA की 24 घंटे की हड़ताल के बाद बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, पीएमसीएच में मरीजों की हालत बेहद गंभीर हो गई है। अस्पताल में जरूरी सेवाएं बाधित होने से मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आइए देखते हैं हमारी विशेष रिपोर्ट।
खबर:
पटना के प्रमुख सरकारी अस्पताल, पीएमसीएच, में मरीजों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। Ima द्वारा बुलाए गए 24 घंटे की हड़ताल ने अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया है। मरीजों का इलाज रुकने से अस्पताल में दाखिल मरीजों की तबीयत बिगड़ती जा रही है।
जिन मरीजों को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया था, उनके ऑपरेशन टल गए हैं, और कई मरीज बिना इलाज के ही वापस जाने को मजबूर हो गए। एमरजेंसी सेवाओं पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है। स्ट्राइक के कारण न केवल ऑपरेशन टले हैं, बल्कि ओपीडी सेवाएं भी ठप हो गई हैं, जिससे रोजाना आने वाले सैकड़ों मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
पीएमसीएच के वॉर्ड में भर्ती मरीजों के परिवारजन इस स्थिति से बेहद चिंतित हैं। एक मरीज के परिजन ने बताया कि उनकी बेटी की हालत गंभीर है, लेकिन कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। इस हड़ताल के चलते न केवल मरीजों की देखभाल में बाधा आई है, बल्कि दवाओं की आपूर्ति और अन्य जरूरी सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
Ima ने यह हड़ताल सरकार की स्वास्थ्य नीतियों और डॉक्टरों के साथ हो रहे कथित अन्याय के खिलाफ की थी। हालांकि, इस हड़ताल का खामियाजा मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ा है। अब देखना यह होगा कि इस संकट का समाधान कैसे और कब तक निकलता है।
सरकार और संबंधित अधिकारियों से स्थिति को नियंत्रण में लाने की अपील की जा रही है, ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके और उन्हें सही समय पर इलाज मिल सके।