रिपोर्ट- अरविंद कुमार!
विभूतिपुर में मिला एक नाबालिग का शव पेड़ से लटका हुआ।
विभूतिपुर थाना अंतर्गत सुरोली पंचायत के दामोदरपुर वार्ड नंबर 10 में सुरेंद्र महतो का कनिष्ठ नाबालिग पुत्र उम्र महज 14 वर्षीय आठवां का छात्र पिंटू का लाश गांव के ही एक गाछी में पेड़ से मृत अवस्था में लटका मिला।
मीडिया से मुखातिब हो मृतक की मां ने बताया कि देर रात अपने पिता और भाई चिंटू को खाना खिलाकर घर के बाहर खड़े कृष्णा नामक दोस्त के साथ निकल पड़ा। काफी खोजबीन की गई, कृष्ण के घर पर भी तलाशी लेनी चाही पर लेकिन कृष्णा के घरवाले ने कोइ सहयोग नही किया। परंतु कल सबेरे 8 बजे शौच को निकले ग्रामीणों की नजर पेड़ से लटके लाश पर पड़ी जिसकी पहचान पिंटू के रूप में हुई। घरवाले को जैसे ही खबर लगी परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था। परिजन इसे हत्या का मामला बताते इसके दोस्त कृष्णा को ही हत्यारे के रूप में आरोपित कर रहा था।
पंचायत के मुखिया दिलीप महतो ने मृतक पिंटू के चरित्र के बारे में बताया कि पिंटू सीधा साधा लड़का था, कोई गलत संगत नहीं था। भाई में सबसे छोटा था। सूचना पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेते हुए अत्यंत परीक्षण हेतु सदर अस्पताल भेज दिया। देखना ये है की पुलिस कितनी जल्दी इस केस की गुत्थी सुलझा पाती है, पुलिस के लिए भी ऐसी घटनाओं का उद्भेदन और अपराधिक नियंत्रण करना एक चुनौती है।
दामोदरपुर से प्रबुद्ध और समाजसेवी सह पूर्व जिला परिषद सदस्य रामदेव राय ने विभूतिपुर में हो रहे लगातार हत्या और आत्महत्या खासकर युवावर्ग ही शिकार हो रहे हैं चिंता व्यक्त की। किसे जिम्मेवार माना जाय, घर के गार्जियन, समाज या पुलिसिया व्यवस्था एक यक्ष प्रश्न है। एक गलत संदेश जा रहा है समाज में। इसे सभी स्तर से सकारात्मक विचार नहीं किया गया, एक ठोस पहल नहीं किया गया तो आनेवाला समय बड़ा ही भयावह परिणाम वाला होगा जो समाज को लील लेगा । देखा गया है कि विभूतिपुर के एक कोने में हत्या या आत्म हत्या की घटना का एक पखवाड़ा भी नही बीतता कि दूसरा कोना भी महफूज नहीं होता। अन्य ग्रामीणों का ये भी कहना है की आज की युवा पीढ़ी में पुलिस और कानून का भय खत्म हो चुका है जिससे गलत दिशा में बहकते हुए देखा जा रहा है। नशा का शिकार होना , सड़क पर थ्री लोडिंग लहरियाकट बाइकिंग करना तो आम बात है जिससे आम जनों में दहशत है। स्थानीय पुलिस को ऐसे आपराधिक तानाबाना पर कड़ी नजर रखते हुए ठोस कदम उठाना चाहिए। आम जन को भी अपने बच्चो की गतिविधि पर नियंत्रण करना चाहिए।