दरभंगा से धर्मेंद्र पांडे
DMCH के आपातकालीन सेवा में फर्श पर किया जाता है इलाज़, परिजन ने जताई नाराजगी, अस्पताल अधीक्षक ने माना सुविधा का अभाव!
फर्श पर नही होना चाहिए इलाज़!
दरभंगा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल DMCH की बदहाली किसी से छुपी नही है लेकिन अस्पताल प्रशासन और सरकार इसकी बदहाली में सुधार के बदले पर्दे डाल हमेशा सब ठीक होने की बात कह निकल जाती है ।लेकिन आज इसी सरकारी अस्पताल DMCH के आपातकालीन सेवा की, जो तस्वीर सामने आई है वह एक बार फिर सरकारी बदइंतज़ामी के पोल खुद ब खुद खोल रही है ।
हालात यह है कि आपातकालीन सेवा में मरीज को एक स्ट्रेचर तक नही मिल रहा मरीज को गोद में उठा कर इधर उधर परिजनों को ले जाना पर रहा है । इसके अलावा यहाँ इमरजेंसी में इलाज़ कराने आये मरीज को एक बेड भी नसीब नहीं हो पा रहा है लोग अपने मरीज को जमीन यानी फर्श पर ही लिटा कर इलाज़ करवाने को मजबूर है । आपातकालीन सेवा विभाग के अंदर कई मरीज फर्श पर लेटे दिखाई दिए। यहाँ तक कि मरीज को फर्श पर लिटा कर ही ऑक्सीजन लगा दिया गया है तो कोई फर्श पर इलाज़ करा रहे अपने मरीज की हालत सुधार के इंतेज़ार में पंखे झेलते नजर आए । व्यवस्था और संसाधन की कमी के बीच डॉक्टर किसी तरह वे अपना काम तो कर रहे है, लेकिन संसाधन की व्यवस्था नहीं पूरी करनेवाले अस्पताल प्रशासन AC कमरे में बैठ रोज इंतेज़ाम करने की बात कह अपनी जबाबदेही से बच निकलते है फिर वही ढाक के तीन पात वाली बात रह जाती है ।
फर्श पर लेटाकर चाचा का इलाज़ करा रहे राजेन्द्र पासवान ने बताया कि वे मधुबनी जिले के विस्फी गांव से DMCH आये है डॉक्टर साहेब ने तो देख लिए, लेकिन उन्हें एक बेड भी नही दिया गया इस कारण पिछले एक से डेढ़ घण्टे से अपने चाचा को जमीन पर ही लेटा कर दवा पानी दे रहे है कोई व्यवस्था नाम की चीज़ यहाँ नहीं है ।
वही अस्पताल अधीक्षक मणिभूषण शर्मा ने दबी जुबान यह माना कि यहाँ फिलहाल आपातकालीन सेवा में मरीज को रखने में सुविधा का अभाव है लेकिन ऐसी स्थिति में भी मरीज को फर्श पर लिटा कर इलाज़ नहीं होना चाहिए वे इसकी वैकल्पिक व्यवस्था तुरंत करने का प्रयास करने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने साफ सब्दो में कहा कि 60 बेड का पहले CCW उनके पास था लेकिन जर्जर हालत के कारण उस बिल्डिंग को खाली कर दिया गया तत्काल छोटा ccw बनाया गया है जहाँ मरीज को रखा जाता है लेकिन किसी दिन आपातकालीन वार्ड में ज्यादा मरीज आने से समस्या बढ़ जाती है ।