बच्चे की हत्या कर शव को चावल रखने वाले ट्रंक में छुपाया!

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अनिल शर्मा की रिपोर्ट:

तीन दिन बाद मीडिया में खबर आने पर पुलिस ने बच्चे के शव को आरोपी के घर से किया बरामद!

परिजनों के अनुसार पुलिस पहले से करती कार्रवाई तो मंखुश को जिंदा कर सकता था बरामद!

नवादा । आखिरकार लापता छ: वर्षीय मंखुश का शव गांव के हीं आरोपी नीतीश चौरसिया के घर से पुलिस ने बरामद कर लिया है । लापता बच्चे के परिजनों ने बच्चे की बारामदगी के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाया और सामाजिक लोगों की मदद ली । मीडिया में तीन दिन बाद भी मंखुश का कुछ पता नहीं से संबंधित खबर सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आयी और रविवार को बच्चे का शव आरोपी के घर से बरामद किया । आरोपियों ने बच्चे की हत्या कर शव को घर के अंदर चावल रखने वाले ट्रंक में छुपा रखा था। ।
बताते चलें कि हिसुआ थाना क्षेत्र के ढेउरी ग्राम में विगत गुरुवार को अजीत चौरसिया के छ: वर्षीय पुत्र मंखुश कुमार का नीतीश चौरसिया ने अपहरण कर लिया था। उसी दिन नीतीश चौरसिया ने बच्चे को जान से मारकर अपने पत्नी के सहयोग से अपने घर मे ही छुपा दिया । परिजनों के अनुसार इस मामले में नीतीश के पड़ोसी उदय चौरसिया एवं उसके सभी परिवार, जितेंद्र चौरसिया एवं संतोष चौरसिया, सुलो चौरसिया इत्यादि मंखुश के हत्यारा को सहयोग कर रहा था । मंखुश का शव नीतीश चौरसिया के घर मे रहे ट्रंक जिसमें चावल था, उसमें छुपा दिया था । जिस दिन मंखुश गायब हुआ था ,उसी दिन से मंखुश के पिता अजीत चौरसिया, चाचा चंदन चौरसिया एवं मंखुश की मां ने खोजबीन करना शुरू किया । जब मंखुश नहीं मिला तो शुरुआती दिन से ही अजीत चौरसिया तथा चंदन चौरसिया हिसुआ थाना में लिखित शिकायत दर्ज करने के बाद लगातार पुलिस से कहते रहे कि मंखुश के अपहरण में नीतीश चौरसिया का हाथ है । परिजनों ने कहा कि हिसुआ थाना प्रभारी आरके पटेल मंखुश के चाचा चंदन को गाली- गलौज करके भगा दे रहे थे और उन्हें बोलते थे कि तुम देखे हो कि नीतीश ने हत्या किया है । अब सवाल है कि पुलिस को जब चंदन चौरसिया बोलता था कि मेरे भतीजा को नीतीश ने छूपाया है। चंदन ने यह भी कहा कि पुलिस धमकी देता था कि तुमको ही उल्टा फसा देंगे । चंदन को पुलिस रविवार सुबह 3 बजे उठा ले गई । एक पीड़ित परिवार जो अपने मासूम के जिंदगी की भीख माँग रहे थे तो पुलिस लापरवाही कर रही थी । अगर पुलिस मामले को सीरियसली लेती तो मंखुश आज जिंदा रहता । एक हँसते खेलते परिवार को समय से सहयोग नहीं मिला। हिसुआ पुलिस के लिए यह दुर्भाग्य है । आखिर जब मीडिया के माध्यम से खबर आने के बाद पुलिस एक्शन में आई। तब तक मंखुश जिंदा नहीं था । चंदन चौरसिया, अजीत चौरसिया ने मीडिया से संपर्क कर मामला बताया । इतना बड़ा मामला जिसे सुर्खियों में रहना चाहिए उसेपुलिस द्वारा दबाया गया और किसी भी मीडिया को इस घटना की खबर नहीं मिली । अजीत चौरसिया ने कहा कि इस मामले में हत्यारे नीतीश चौरसिया, तथा उसकी पत्नी के साथ उदय चौरसिया, जितेंद्र चौरसिया, संतोष चौरसिया मिलकर सहयोग कर रहे थे । अजीत चौरसिया ने जिला प्रशासन एवं सरकार से इन सभी दोषियों को लेकर फाँसी दिलाने की माँग की है । उन्होंने कहा थाना प्रभारी को बर्खास्त करने के लिए कोर्ट जाएंगे ।

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