शंखनाद ब्यूरो झारखंड
उपायुक्त उमा शंकर सिंह की अध्यक्षता में आज भूमि अधिग्रहण से संबंधित शिकायतों का निपटारा करने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा गठित शिकायत निवारण समिति (ग्रीवांस रिड्रेसल कमिटी) की बैठक आयोजित की गई।
इस संबंध में उपायुक्त ने बताया कि ग्रीवांस रिड्रेसल समिति का उद्देश्य बीसीसीएल, ईसीएल के लिए किया गया भूमि अधिग्रहण एवं उसके एवज में मुआवजा व नियोजन से संबंधित विवादों का निपटारा करना है।
बैठक में झरिया विधायक के प्रतिनिधि ने बस्ताकोला में मौजा 140, खाता नंबर 54 प्लॉट नंबर 314 रकबा 180.45 एकड़ का मामला उठाया। उन्होंने समिति को अवगत कराया कि इस भूखंड के 5.54 एकड़ में 1985-86 में 58 आदिवासी रैयतों को सरकारी बंदोबस्ती पर्चा दिया है। वर्तमान में यह बीसीसीएल के नाम हाल सर्वे खतियान में दर्ज किया गया है। बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा बिना कोई मुआवजा या नियोजन दिए उक्त भूमि पर खनन एवं डंपिंग का कार्य किया जा रहा है। बाघमारा प्रखंड प्रमुख ने भूमि अधिग्रहण के एवज में मुआवजा राशि का अब तक भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया।
बैठक के दौरान सांसद धनबाद के प्रतिनिधि ने कहा कि आज कोयलांचल के हजारों विस्थापित रैयत परिवार हैं जिनकी जमीन बीसीसीएल ने ली है। आज तक उन्हें मुआवजा या नियोजन नहीं मिला है। उन्होंने उपायुक्त से अनुरोध किया कि ग्रीवांस रिड्रेसल कमिटी की जानकारी का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए। जिससे वंचित रैयतों को न्याय मिल सके।
इस अवसर पर पूर्व बैठक के 5 मामलों की समीक्षा की गई तथा तीन आवेदन पर उपायुक्त ने उसकी विस्तृत रिपोर्ट बीसीसीएल महाप्रबंधक एवं संबंधित अंचल के अंचलाधिकारी से प्राप्त करने का निर्देश दिया।
समिति के संयोजक उप समाहर्ता भूमि सुधार है। रैयत किसी प्रकार की शिकायत से संबंधित आवेदन उनके कार्यालय में दे सकते हैं।
बैठक में उपायुक्त अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम, उप समाहर्ता भूमि सुधार सतीश चंद्रा, सांसद धनबाद के प्रतिनिधि नितिन भट्ट, विधायक झरिया के प्रतिनिधि केडी पांडेय व सूरज सिंह, विधायक टुंडी के प्रतिनिधि पवन महतो, प्रखंड प्रमुख बाघमारा मीनाक्षी रानी गुड़िया, बीसीसीएल के बीके लाल व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।