रिपोर्ट- अमित कुमार!
“राज्यसभा सांसद और आरएलएसपी के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा ने पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में झारखंड चुनाव, शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया, और अन्य राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय दी। कुशवाहा ने एनडीए की बढ़त का दावा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रोजगार नीति की तारीफ की। आइए जानते हैं उन्होंने और क्या कहा।”
खबर:
राज्यसभा सांसद और आरएलएसपी के संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा आज दिल्ली से पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए की बढ़त का दावा किया। कुशवाहा ने कहा, “झारखंड में मतदान शांतिपूर्ण और सकारात्मक ढंग से हो रहा है। एनडीए सभी जगह बढ़त बनाए हुए है, और कहीं कोई कठिनाई नहीं है।”
शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण के सवाल पर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने रोजगार और नौकरी देने के अपने वादे को पूरा किया है। उन्होंने कहा, “नियुक्ति पत्र वितरण एक सराहनीय पहल है, जो सरकार की शिक्षा और रोजगार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
भाजपा बिहार प्रभारी टबरे के चुनाव से पहले नोट बांटने के आरोप पर कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि आरोप लगाना पर्याप्त नहीं है, इसे साबित भी करना चाहिए। उन्होंने कहा, “बिना सबूत के लगाए गए आरोपों का कोई महत्व नहीं होता।”
राजद द्वारा शिक्षक नियुक्ति को तेजस्वी यादव का रोडमैप बताने पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपना विजन है, और इसका राजद के रोडमैप से कोई लेना-देना नहीं है।
पशुपति पारस के एनडीए से अलग होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वहीं, गिरिराज सिंह के रांची को कराची बना देने वाले बयान पर उन्होंने इसे गिरिराज सिंह का निजी बयान बताया और कहा कि इसका जवाब वही दे सकते हैं।
मुख्य बिंदु:
उपेंद्र कुशवाहा ने झारखंड चुनाव में एनडीए की बढ़त का दावा किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नियुक्ति प्रक्रिया की सराहना की।
बिना सबूत के आरोप लगाने पर नाराजगी जताई।
राजद के रोडमैप दावे को नकारा और मुख्यमंत्री के विजन की तारीफ की।
निष्कर्ष:
उपेंद्र कुशवाहा ने झारखंड चुनाव में एनडीए की स्थिति को मजबूत बताते हुए बिहार सरकार की रोजगार नीति की सराहना की। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप पर उनका संतुलित रुख दिखाई दिया।