:- रवि शंकर अमित/गोविंद कुमार!
उच्च न्यायालय से जमानत याचिका खारिज होने के बाद बाढ़ विधानसभा प्रत्याशी कर्णवीर सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया ने व्यवहार न्यायालय बाढ़ में आत्मसमर्पण किया। सरेंडर करने के छः घंटे बाद उन्हे न्यायिक हिरासत में बाढ़ जेल में भेज दिया गया। वह हत्या के मामले में फरार चल रहे थे। पुलिस न्यायालय के आदेश पर लगातार उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी। चुनाव के बाद वे गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हो गए थे। पुलिस ने चुनाव से पूर्व लल्लू मुखिया के घर की कुर्की भी की थी, इसके बावजूद उन्होंने सरेंडर नहीं किया था। कभी अनंत सिंह के करीबी रहे लल्लू मुखिया लगातार मुंगेर सांसद ललन सिंह पर केस में फसाने का गंभीर आरोप लगाते रहे। चुनाव के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ महीनों के लिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, जिससे उन्हें राहत मिली। राहत अवधि समाप्त होने पर लल्लू मुखिया शनिवार को बाढ़ कोर्ट पहुंचे और सरेंडर कर दिया। 2023 में हत्या के एक मामले में उन्हें अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया था।
बाइट संजीत कुमार, वकील, सिविल कोर्ट, बाढ़




