रिपोर्ट- सुमित कुमार!
-मुंगेर सदर प्रखंड क्षेत्र के कुतलूपुर पंचायत के वार्ड संख्या 4 और 6 में गंगा का लगातार हो रहा कटाव अब भयावह रूप ले चुका है। बीते दो दिनों से जिस तरह जमीन तेजी से नदी में समा रही है, उससे ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है। 85 वर्षीय वृद्ध महिला रामादेवी ने कहा कि अपने जीवन में पहली बार इतना भयानक कटाव देख रही हूं। अब हमारे पास रहने के लिए जमीन नहीं बची है, सरकार जल्द से जल्द हमें कहीं सुरक्षित जगह बसाए।
ग्रामीणों के अनुसार, पिछले तीन महीनों से रुक-रुक कर कटाव जारी है। बाढ़ के दौरान भी छह घर गंगा में समा चुके थे। शनिवार को अचानक कटाव तेज होने से लगभग 5 बीघा जमीन एक ही दिन में बह गई। वर्तमान में करीब 15 से 20 पक्के मकान कटाव की सीधी जद में हैं। कई परिवार अपने घर खाली कर ठंड में खेतों में तंबू डालकर रहने को मजबूर हैं, जबकि कुछ लोग रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि जिन परिवारों के घर पहले ही कट चुके हैं, उन्हें अब तक प्रशासनिक मुआवजा भी नहीं मिला है। लगभग 10 घर ऐसे हैं जिनके लोग घर खाली कर चुके हैं और अपना बचा हुआ एट तोड़कर सुरक्षित करने में लगे हैं। कटाव पीड़ित मनीष कुमार, मेघनी देवी और रुणा देवी ने बताया कि हम लोग सब कुछ खो चुके हैं और अब सरकार पर ही आश्रित हैं कि हमें कहीं नई जगह बसाया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में करीब 500 घर और करीब 5000 की आबादी है। गंगा हर 12 साल में धारा बदलती है, जिससे कटाव बढ़ता है। यदि सरकार इस पंचायत को बचाना चाहती है तो गंगा के मोड़ को बदलने और मजबूत बंद की आवश्यकता है। इधर रविवार से फ्लड कंट्रोल विभाग ने कटाव रोकने की कवायद शुरू कर दी है। विभाग के जेई अखिलेश कुमार ने बताया कि पहली चरण में जेसीबी से मिट्टी डाली जा रही है और आगे की कार्रवाई अधिकारियों के निर्देश पर होगी।
बाइट-अरबिंद पासवान
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