रिपोर्ट- सुमित कुमार
मुंगेर: मुंगेर जिले का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बुधवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे ऑक्सीजन की कमी के चलते 67 वर्षीय रंजन देवी की मौत हो गई। मृतका कोतवाली थाना क्षेत्र के गुलज़ार पोखर स्थित दारू गोदाम की निवासी और सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर मदन मोहन प्रसाद की पत्नी थीं। वह 29 जून से मुंगेर सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती थीं और ब्रेन हेमरेज से पीड़ित थीं।
मृतका के परिजनों ने सदर अस्पताल के कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि बुधवार सुबह जब रंजन देवी की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी, तो स्टाफ को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने को कहा गया। लेकिन स्टोर रूम में रखे चारों ऑक्सीजन सिलेंडर खाली मिले। समय पर ऑक्सीजन न मिलने के कारण रंजन देवी की मौत हो गई। परिजनों ने यह भी बताया कि मौत के करीब आधे घंटे बाद ऑक्सीजन से भरा सिलेंडर अस्पताल पहुंचा।
परिजनों का कहना है कि रंजन देवी को ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसका ऑपरेशन पटना के एक निजी अस्पताल में करवाया गया था। तबीयत बिगड़ने पर 29 जून को उन्हें सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट होने के बावजूद मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की जाती। बुधवार सुबह करीब 5 बजे इलेक्ट्रिक ऑक्सीजन मशीन ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद वैकल्पिक रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग की गई, लेकिन स्टोर रूम में मौजूद सभी सिलेंडर खाली थे।
वहीं, आईसीयू में भर्ती अन्य मरीजों के परिजनों ने भी बताया कि महिला तीन दिनों से भर्ती थीं, लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि स्टोर रूम में रखे चारों ऑक्सीजन सिलेंडर खाली पड़े थे।
आईसीयू प्रभारी संगीता कुमारी ने परिजनों के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि महिला गंभीर अवस्था में थी और अन्य अस्पतालों से रेफर करने के बाद परिजनों ने उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। उनके अनुसार, मंगलवार की रात करीब साढ़े दस बजे स्टॉक में चार ऑक्सीजन सिलेंडर रखे गए थे, जिनमें से तीन की खपत हो गई थी, लेकिन एक सिलेंडर में ऑक्सीजन मौजूद था।
क्या था पूरा मामला
20 जून को रंजन देवी को ब्रेन हेमरेज हुआ, जिसके बाद उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पटना एम्स रेफर कर दिया। वहां बेड नहीं मिलने पर परिजन उन्हें आईजीआईएमएस और पीएमसीएच ले गए, लेकिन वहां भी जगह नहीं मिली। अंततः उन्होंने पटना के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया, जहां ब्रेन का ऑपरेशन हुआ।
ऑपरेशन के बाद परिजन उन्हें घर लेकर मुंगेर लौट आए और 26 जून को शहर के दो निजी अस्पतालों में इलाज करवाया। लेकिन अधिक खर्च होने के कारण 29 जून को उन्हें पुनः सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। बुधवार सुबह ऑक्सीजन की कमी के चलते उनकी मौत हो गई।