ई- लर्निंग सेंटर के रूप मे विकसित किया जायेगा आँगनबाड़ी केंद्र!

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कौशल किशोर ठाकुर की रिपोर्ट

राज्य के पूर्व प्राथमिक कक्षा की शैक्षणिक स्थिति को दुरुस्त करने के लिए सरकार सभी आंगनबाड़ी केंद्र को डिजिटल एवं स्मार्ट कक्षा से जोड़ने के लिए योजना तैयार कर रही है जिससे कि प्राथमिक स्तर के बच्चे भी ज्यादा से ज्यादा डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कर सकें सभी कक्षाओं के बच्चों के लिए अलग-अलग प्रकार के शिक्षण अधिगम सामग्री को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है एवं सभी कक्षाओं में स्मार्ट क्लास बनाने की विधि योजना है इसके साथ साथ म्यूजिक रूम और डिजिटल लाइब्रेरी से भी कक्षाएं जुड़ेंगे सरकार का एक अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2022 से 2023 में इस पर 1500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है इतना ही नहीं ब्लू प्रिंट में यह भी दर्शाया गया है की आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों का हर माह मूल्यांकन होगा 3:00 से 6 आयु वर्ग के बच्चों का निर्धारित मूल्यांकन किया जाएगा इससे यह पता चलेगा की बच्चों में बौद्धिक क्षमता का विकास किस प्रकार से हो रहा है इस कार्य में आंगनबाड़ी सेविका मूल्यांकन कर सी डीपी ओ को रिपोर्ट शॉपिंग सीडीपीओ सारी रिपोर्ट हर महीने ऑनलाइन अपलोड करेंगे मूल्यांकन में बच्चों में भाषाई बौद्धिक मानसिक शारीरिक रचनात्मक तथा सामाजिक व भावनात्मक का आकलन हो सकेगा बच्चों को सरल शिक्षण के लिए उनके हिसाब से कक्षाओं का नाम भी तय किया जाएगा जिससे कि बच्चे अपनी कक्षा में अध्ययन कर सकें अपर मुख्य सचिव श्री संजय कुमार सिंह का कहना है की बच्चों में भाषाई और अंक गणितीय ज्ञान सिखाने के लिए स्मार्ट क्लास और वातावरण का निर्माण जरूरी है आंगनबाड़ी में बच्चा को प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक एकेडमिक सपोर्ट भी करेंगे इस व्यवस्था से सरकार का मानना है कि आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों में आमूलचूल परिवर्तन हो सकेगा जिससे कि बिहार के नौनिहाल में पढ़ने के प्रति और विद्यालय आने में उनका आत्मविश्वास भी जगेगा

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