मिथिला की वास्तविक विकास से किसी को सरोकार नही- अभिजीत!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झा

मधुबनी जिले के कलुआही प्रखंड मुख्यालय स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजिक कार्यकर्ता सह ओटों पार्ट एवं फिल्म निर्माता अभिजीत कुमार सिंह उर्फ लाल भाइ ने अपने अनुभव को साझा किया। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा है कि बहुत पहले से मिथिला उपेक्षित क्षेत्र रहा है। जो काम हुआ विगत पचास वर्षो में वो गिनती के भी लायक नहीं है। राजनीतिक षड्यंत्र के तहत यहां की एक एक कर सभी फैक्ट्री को बंद कर दिया गया। यहां जो कुछ भी रोजगार का साधन था उसे समाप्त कर दिया गया। दस दस हजार कमाने के लिए लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हैं। लोग बाहर जाकर गाड़ी साफ करते, दरबानी करते, दिहाड़ी मजदूर का काम करते या किसी फैक्ट्री में नोकरी करते हैं। लोगों के पलायन करने से घरों में ताले लग रहे हैं। रोजी रोजगार के आभाव में यहां रहना लोगों के लिए कठिन हो रहा है। मंहगाई के दौर में लोगों का आमदनी घट रही है। खासकर युवाओं को अच्छी शिक्षा और रोजगार की जरूरत है। जिसके तलाश में लोग अपना घर छोड़ रहे हैं। यहां रहने बाले युवकों में से अधिकांश नशे के लत और इसके कारोबारी बन रहा है। बिहार सरकार के शराब बंदी पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा है कि जितनी शराब पहले नहीं बिकती थी उससे अधिक आज नेपाल से भारत तस्करी के माध्यम से लाया जा रहा है। जो सभ्य युवा अपना भविष्य बनाना चाहते हैं वे भी इन लोगों की तस्करी के लाभ से अचंभित और आकर्षीत हो रहे हैं। ये कहना कहीं से भी ग़लत नही होगा कि हमारे युव वर्ग आज शराब के तस्करी में लिप्त हो रहे हैं। लेकिन इस बात की चर्चा करना कोई भी उचित नहीं समझ रहा है। मिथिला लाख उपेक्षित रहने के बाबजूद भी शांति प्रिय रहा। यहां के लोग सदैव अपने कर्मकांड में लगा रहा। मिथिला विद्वानों की धरती रही है। ऋषि मुनियों की तपः स्थली रही है। लेकिन आज ये धरती अपराध के क्षेत्र में अपना अलग पहचान बना रहा है। खासकर मधुबनी जिले भर में बढ़ रहे अपराध को देख कर ये कहना ग़लत नही है। यहां की स्थिति से सभी लोग परिचित हैं। लेकिन किसी को भी इन सभी बातों से सरोकार नहीं है। जरूर तो है यहां के प्रतिनिधि एवं सरकार और प्रशासन इन विषयों को गंभीरता से लेते हुए यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध करने के दिशा में प्रयत्न करे। यहां के किसानों, नौजवानों, मजदूरों, छोटे छोटे व्यापारियों, छात्रों की दिनों दिन दयनीय होती जा रही स्थिति को लेकर सरकार को इमानदार पहल करने की जरूरत हैं। अन्यथा यहां भयावह रूप ले रहा बेरोजगारी और बढ़ रहे अपराध आगे चलकर बहुत बड़ी अराजकता रुप लेने के तरफ अग्रसर है।

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