रवि शंकर शर्मा की रिपोर्ट!
देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है चित्रगुप्त पूजा!
रिपोर्ट:- रवि शंकर शर्मा
लक्ष्मी और काली पूजा के बाद एक महत्वपूर्ण पूजा होती है चित्रगुप्त महाराज की पूजा। चित्रगुप्त पूजा ज्यादातर कायस्थ समाज के लोग धूमधाम से मनाते हैं। वैसे तो भगवान सबके होते हैं लेकिन इसी समाज ने भगवान का भी बँटवारा कर दिया और भगवान चित्रगुप्त को कायस्थ समाज का बना दिया, हालाँकि आज भी देश दुनिया मे मौजूद सभी जातियों के सनातनी भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। इसकी बानगी बाढ़ अनुमंडल के वाजिदपुर स्थित बाबा मार्केट के नजदीक देखने को मिली जहाँ प्रत्येक साल चित्रगुप्त महाराज की पूजा होती है। इसके साथ ही कई तरह के कार्यक्रम विगत कई वर्षों से किए जा रहे हैं लेकिन इस बार करोना कॉल होने के वजह से कायस्थ परिवार के लोग चित्रगुप्त महाराज की पूजा कोविड-19 के नियमों के अनुसार करते पाए गए। बाढ़ के अधिवक्ता सुभाष रंजन ने मीडिया को बताया कि यह कई सालों से चलते आ रहा है और कई तरह के कार्यक्रम होते रहते हैं पर इस बार करोना काल होने के कारण सामान्य स्तर से पूजा पाठ किया जा रहा है।
माना जाता है कि श्री चित्रगुप्त स्वयं परब्रह्म है!
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जीवों के अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब भगवान चित्रगुप्त ही रखते हैं। जिसके अनुसार जीवात्माओं को स्वर्ग, नर्क और पुनर्जन्म में मानव या अन्य जीव की योनी प्राप्त होती है। दरअसल भगवान चित्रगुप्त ये संदेश देते हैं कि जीव जैसा कर्म करता है उसी के अनुसार उसे फल प्राप्त होता है।