कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
मंगलवार को जिला पदाधिकारी सावन कुमार के द्वारा विद्यालय बाल परिवहन समिति से संबंधित बैठक की गई और निम्नवत दिशा निर्देश दिया गया। बैठक में विद्यालय वाहनों के लिए मानक के अनुसार बस के पीछे सामने स्पष्ट रूप से ऑन स्कूल ड्यूटी प्रदर्शित करना होगा। सभी वाहनों में एक प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स रखना अनिवार्य होगा। वाहन में अग्निशमक यंत्र लगाना अनिवार्य होगा। प्रत्येक स्कूल बस व स्कूल वाहनों को जीपीएस युक्त होना अनिवार्य होगा। शारीरिक रूप से असमर्थ (दिव्यांग) छात्रों के लिए स्कूल बस/ अन्य वाहन में ऐसी सुविधा होनी चाहिए कि उन्हें वाहन में चढ़ने उतरने में परेशानी नहीं हो। आठ वर्ष तक के नए वाहनों को द्विवार्षिक एवं अन्य सभी स्कूली वाहनों को वार्षिक फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। प्रत्येक स्कूल बस में दो आपातकालीन द्वार होंगे पहला बस के दाहिनी और के पिछले आधे भाग में और दूसरा बस के पीछे की ओर होगा। 14 सीट तक के वाहन के लिए अतिरिक्त आपातकालीन द्वार की आवश्यकता नहीं होगी।
- सीसीटीवी कैमरा स्कूली वाहन में लगाने का दिया निर्देश
बैठक में स्कूल बस में सीसीटीवी को अनिवार्य रूप से स्थापित करने का निर्देश दिया गया। बैठक प्रत्येक स्कूल प्रबंधन एक परिवहन प्रभारी नियुक्त करेगा एवं इसकी सूचना जिला परिवहन पदाधिकारी को रहेगा। स्कूल वाहनों में विद्यालय प्रबंधन के साथ मान्य अनुबंध की एक प्रति एवं स्कूली बच्चों की पूरी सूची के साथ साथ निर्धारित रूट प्लान जो शैक्षणिक संस्थान के द्वारा भी प्रमाणित हो, रखना होगा। सभी वाहनों में वाहन से संबंधित सभी वैध कागजात यथा निबंधन प्रमाण पत्र, बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, परमिट ड्राइविंग लाइसेंस परिचालक व संवाहक (कंडक्टर) अनुज्ञप्ति आदि रखना अनिवार्य होगा। विद्यालय प्रबंधन समय-समय पर चालकों, संवाहकों, परिचारकों के क्रियाकलाप की समीक्षा करेंगे एवं यह सुनिश्चित करेंगे कि चालक संवाहक एवं परिचालक मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ है एवं किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित ना हो।
बैठक में बताया गया कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा सेमेस्टर शुरू होने से पहले छात्र व छात्राओं के लिए भी सड़क सुरक्षा, अग्नि आपदा प्रबंधन आदि विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना अनिवार्य होगा। प्रत्येक स्कूल बस में आपातकालीन स्थिति के लिए यात्रा कर रहे छात्रों के संपर्क नंबरों की जानकारी रखना अनिवार्य होगा। माता-पिता व अभिभावकों को विद्यालय के बैठकों में भाग लेना चाहिए और अपने बच्चों के सुरक्षा पहलुओं पर चर्चा करनी चाहिए और इस संवेदनशील विषय पर एक सतर्क पर्यवेक्षक की भूमिका निभानी चाहिए। विद्यालय प्रबंधन शिकायत पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो अभिभावक को इसकी सूचना जिला पदाधिकारी और जिला परिवहन पदाधिकारी को देना होगा। जिला पदाधिकारी द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को उपरोक्त कार्रवाई की प्रति सभी संबंधित विद्यालय प्रबंधक को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।