:- शशि शंकर शर्मा ! (प्रबंध संपादक)
15 जून तक 3 लाख 50 हजार मेट्रिक टन गेहूॅ अधिप्राप्ति हो जायेगी, यह बिहार के लिये एक बड़ी उपलब्धि है:- मुख्यमंत्री
मुख्य बिंदु:- वर्ष 2008 में कृषि रोडमैप की शुरूआत की गयी, जिसमें फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये गये। राज्य में धान, गेहूॅ सहित कई फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों बढ़ी है। आज की तिथि तक 3 लाख 18 हजार मेट्रिक टन गेहूॅ की अधिप्राप्ति हो चुकी है और 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मेट्रिक टन गेहूॅ अधिप्राप्ति हो जाने की संभावना है, यह बिहार के लिये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। किसानों के बीच इस बात को प्रचारित करें कि राज्य सरकार अधिक से अधिक अधिप्राप्ति करना चाहती है ताकि इसका लाभ उन्हें मिले। धान और गेहूॅ की अधिप्राप्ति को अगले वर्ष से और बढ़ाना है। पूरे राज्य में क्षेत्रवार उत्पादन एवं उत्पादकता का अध्ययन कराकर उस आधार पर अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखें और उसे प्राप्त करें। ससमय एवं सघन अधिप्राप्ति के फलस्वरूप हमलोग अगले वर्ष धान एवं गेहूॅ की और अधिक अधिप्राप्ति कर पायेंगे, इस लक्ष्य पर काम करना है। अब तक के अनुभवों को आधार बनाते हुये बेहतर कार्ययोजना बनाकर सहकारिता विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग तथा कृषि विभाग समन्वय बनाकर कार्य करे। पैक्सों की क्रियाशीलता तथा कार्य प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिये कार्य करें। सहकारी समितियों एवं राज्य खाद्य निगम की भंडारण क्षमता का और विस्तार करने पर काम करें। गोदाम की उपलब्धता, कस्टम मिल्ड राइस (सी0एम0आर0) एवं अधिप्राप्त गेहूं की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को तेजी से हो, इसका एक सिस्टम बनायें।
पटना, 12 जून 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
सहकारिता विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयसी ने गेहूं अधिप्राप्ति के संबध मंे एक प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में उन्होंने जिलावार गेहूं अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति, गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या, पेमेंट की स्थिति आदि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू होने से किसानों को फायदा हुआ है। अब तक 3 लाख 18 हजार मेट्रिक टन गेहूॅ अधिप्राप्ति की जा चुकी है और 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मेट्रिक टन गेहूॅ अधिप्राप्ति कर ली जायेगी। कृषि रोडमैप के चलते 14 लाख मेट्रिक टन की भंडारण क्षमता हो गयी है और राज्य खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 5 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर 25 लाख मेट्रिक टन हो गयी है।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में कृषि रोडमैप की शुरूआत की गयी, जिसमें फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये गये। राज्य में धान, गेहूॅ सहित कई फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों बढ़ी है। पहले राज्य में किसी फसल अधिप्राप्ति की कोई व्यवस्था नहीं थी। हमलोगों ने इसके लिये योजनाबद्ध ढ़ंग से काम किया। उसका परिणाम है कि इस वर्ष 35 लाख मेट्रिक टन धान अधिप्राप्ति हुयी है और 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मेट्रिक टन गेहूॅ अधिप्राप्ति हो जायेगी, यह बिहार के लिये एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच इस बात को प्रचारित करें कि राज्य सरकार अधिक से अधिक अधिप्राप्ति करना चाहती है ताकि इसका लाभ उन्हें मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान और गेहूॅ की अधिप्राप्ति को अगले वर्ष से और बढ़ाना है। पूरे राज्य में क्षेत्रवार उत्पादन एवं उत्पादकता का अध्ययन कराकर उस आधार पर अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखें और उसे प्राप्त करें। ससमय एवं सघन अधिप्राप्ति के फलस्वरूप हमलोग अगले वर्ष धान एवं गेहूॅ की और अधिक अधिप्राप्ति कर पायेंगे, इस लक्ष्य पर काम करना है। अब तक के अनुभवों को आधार बनाते हुये बेहतर कार्ययोजना बनाकर कृषि विभाग, सहकारिता विभाग तथा खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग समन्वय बनाकर कार्य करे। उन्होंने कहा कि पैक्सांे की क्रियाषीलता तथा कार्य प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिये कार्य करें। सहकारी समितियों एवं राज्य खाद्य निगम की भंडारण क्षमता में वृद्धि करने के उपाय करें। गोदाम की उपलब्धता, कस्टम मिल्ड राइस (सी0एम0आर0) एवं अधिप्राप्त गेहूं की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को तेजी से हो, इसका एक सिस्टम बनायें।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, सहकारिता मंत्री श्री सुबाष सिंह, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव श्री विनय कुमार, सहकारिता विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयसी जुड़ी हुयीं थीं।