भगवान नरसिंह की छोटी होती प्रतिमा भयंकर प्रलय का संकेत!

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:- अनमोल कुमार!

भगवान नरसिंह विष्णु भगवान के चौथे अवतार की जयंती 25 मई को है l वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान नरसिंह ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा हेतु हिरण्यकशिपु का बध करने के लिए अवतार लिया था, भगवान नरसिंह खंबे को पार कर आधा नर और आधा सिंह के रूप में प्रकट हुए और अपने गोद में लेकर हिरण्यकशिपु का वध कर डाला और भक्त प्रहलाद को बचा लिया था।
उत्तराखंड के चमोली जिले मे जोशीमठ मे भगवान नरसिंह का बहुत ही खास मंदिर है जिसका संबंध सीधे आपदा से है । कुछ माह पूर्व यहां भारी तबाही हुई थी जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी !

जोशीमठ में भगवान नरसिंह को समर्पित मंदिर सप्त बद्री मे से एक होने कारण इस मंदिर को नरसिंह बद्री के नाम से भी जाना जाता है ! यह भी मान्यता है कि सदियों से संत बद्रीनाथ इस मंदिर में रहते थे , यहां स्थापित भगवान नरसिंह की मूर्ति प्रतिदिन छोटी होती जा रही है मूर्ति की एक कलाई पतली होने लगी है लोगों की मान्यता है कि अगर मूर्ति पतला होकर पतला होता गया तो ये प्रलय का संकेत है। कई तरह की प्राकृतिक आपदायें आने लगेंगी जो संसार के विनाश का कारण बन सकती हैं।

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