
धर्मेंद्र पांडे!
लड़ाकू विमान तेजस निर्माण में थी अहम भूमिका, निधन के बाद जिला प्रशासन ने नही ली सुधि, एम्बुलेंस के अभाव में अपने व्यवस्था से परिजन पार्थिव शरीर को लेकर निकले गाँव, लोग हुए गमगीन प्रशासन के बेरुखी पर जताई नाराजगी –
पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित वैज्ञानिक डॉक्टर मानस बिहारी वर्मा का निधन देर रात हृदय गति रुकने के कारण मौत हो गई, मानस बिहारी वर्मा के निधन के बाद उनके चाहने वालो में शोक ओर निराशा की लहर दौड़ गई लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि जिला प्रशासन की तरफ से निधन की सूचना के बाद भी जिला प्रशासन घण्टो बीतने के बाद भी सुधि लेने की जरूरत नही समझी । प्रशासन के बेरुखी के कारण मानस बिहारी वर्मा के शव को एम्बुलेंस के बदले परिवार वालो ने किसी तरह अगस्तया फाउंडेशन संस्था के भान से उनके गाव दरभंगा जिला के बौर गाँव ले जाया गया जहाँ उनका आज अंतिम संस्कार होगा ।
डॉक्टर मानस बिहारी वर्मा अवकाश के बाद से ही अपने बहन के घर दरभंगा के लहेरियासराय में रहते थे और वही उन्होंने आखरी सांस ली । मानस बिहारी वर्मा न सिर्फ देश के पूर्व राष्ट्पति अब्दुल कलाम आजाद के परम मित्र थे बल्कि देशी लड़ाकू विमान के निर्माण में भी उनकी अहम भूमिका थी । इसके अलावा नौकरी से अवकाश होने के वावजूद इन्होंने अपने जन्मभूमि को कर्मभूमि के लिए चुना और लगातार सामाजिक सरोकार के साथ साथ बच्चो के शिक्षा पर जबरदस्त काम करना सुरु किया । उन्होंने कई स्कूल खोले जहा गरीब बच्चे मुफ्त में शिक्षा ग्रहण करते है साथ ही अगस्तया इंटरनेशनल फाउंडेशन के साथ मिलकर मोबाइल साइंस लैब यूनिट तैयार किया जो न सिर्फ गाँव घर के सरकारी बल्कि निजी स्कूल में भी प्रायोगिक तरीके से शिक्षा देने का काम करते थे । पानी मे आर्सेनिक ओर जल स्रोत पर भी कई शोध किये । इनकी सादगी के कारण कई ऐसे काम और नाम लोगो के सामने भी नही आये बिना किसी दिखावा के मानस बिहारी वर्मा सामाजिक और देश हित मे काम करते रहे । मानस बिहारी वर्मा ने अपना जीवन देश के समर्पण किया था यही वजह है कि उन्होंने अपना घर नही बसाया और शादी नहीं कि ।
इनकी दुःखद मौत के बाद इनके चाहने वाले काफी निराश है उनकी माने तो इनकी कमी को कोई भरपाई नही कर सकता है ।