बिहार में लोक डाउन नहीं, लेकिन सख्तियां बढ़ी!

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अश्वनी श्रीवास्तव :

अब शाम 4:00 बजे तक ही बंद कर देनी होगी सभी दुकाने।

लगातार तीन दिनों की बैठक के बावजूद लॉकडाउन नहीं।

बिहार में अभी फिलहाल पूर्णता लॉकडाउन तो नहीं लगेगा लेकिन अब सारी दुकाने 6:00 बजे की बजाय 4:00 अपराहन तक ही बंद कर देनी होगी। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद नाइट कर्फ्यू के समय को बढ़ाने का फैसला लिया गया है। प्रदेश में नाइट कर्फ्यू अब शाम 6 बजे से ही लागू होगा। इस तरह नाइट कर्फ्यू अब शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक, यानी 12 घंटे का होगा। सभी दुकानों को अब शाम 4 बजे तक ही बंद करना होगा। साथ ही बिहार सरकार अब कोरोना से जान गंवाने वालों का अंतिम संस्कार अपने खर्च पर कराएगी। इसके दायरे में वो मृतक भी आएंगे, जिनमें लक्षण थे लेकिन वह कोविड टेस्ट में निगेटिव पाए गए। नाइट कर्फ्यू का यह नियम पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कृषि कार्य, औद्योगिक इकाइयों, निर्माण कार्य, स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों और इससे संबंधित कार्यों, ठेले पर फल-सब्जी की बिक्री करने वालों, रेस्टोरेंट्स इत्यादि पर लागू नहीं होगा। रेस्टोरेंट में रात 9 बजे तक खाना पैक करवाकर ले जाने की सुविधा जारी रहेगी। यह सख्तियां 29 अप्रैल से लागू होकर 15 मई तक या अगले आदेश तक जारी रहेंगी।

नए कानून के तहत रहेगी कई पाबंदियां :

सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय 25 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कार्य करेंगे। (आवश्यक सेवाओं से संबंधित कार्यालयों को छोड़कर)। सभी कर्मियों (सरकारी एवं गैर-सरकारी सेवक) को घर से काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय शाम 4 बजे बंद हो जाएंगे।
विवाह समारोह में अब 50 लोग ही शामिल होंगे। इससे जुड़े कार्यक्रमों के लिए नाइट कर्फ्यू की सीमा रात 10 बजे तक होगी। इस दौरान डीजे बजाने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। इसी तरह अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 20 लोगों की सीमा तय की गई है।
एलोपैथिक, आयुष, यूनानी, डेंटिस्ट चिकित्सक; लैब टेक्नीसियन, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ एव एनेस्थेटिस्ट के अस्थायी पदों का सृजन कर वाक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से न्यूनतम एक वर्ष के लिए संविदा पर नियुक्ति की जाए। इसमें सभी सेवानिवृत्त चिकित्सकों, एलोपैथिक, आयुष, डेंटिस्ट को भी आवश्यकतानुसार लगाया जाएगा।
कोविड के लक्षण वाले रोगी (भले ही टेस्ट में निगेटिव हों) को भी अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जाए।
सभी वेंटिलेटर को चालू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला पदाधिकारी अपने-अपने स्तर से सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से चुनाव से लौटे पुलिसकर्मियों की कोविड जांच की जाए। इसमें यह ध्यान रखा जाए कि वे अन्य लोगों से मिलें नहीं, जिससे कोविड का संकमण नहीं फैले।
रेमडेसिविर एवं अन्य दवाएं आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को आसानी से एवं एक निर्धारित प्रकिया के अंदर मिल जाए, इसकी सुनिश्चित व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग करे।
बढ़ते संकमण को देखते हुए आवश्यकतानुसार हर जिले में किराए पर एम्बुलेंस लिया जाए।
मुजफ्फरपुर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अतिरिक्त अस्थायी अस्पताल का निर्माण कराया जाए।

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