आरा/आशुतोष पाण्डेय
अब तक तो आपने कई मेले देखे होंगे जिसमे दसहरा मेला व बिहार का चर्चित मेला सोनपुर के खासियत से भी आप अवगत होंगे /पर क्या आप जानते है की बिहार के राजधानी पटना से ७५ किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर में इस्थित इटाहना एक गाँव है/ इस गाँव में में एक ऐसा मेला लगता है जहाँ सालों भर हजारो लोग आपने दुःख दर्द को भगाने के लिये आते है /आइये जरा इस मेले का दीदार करते हैं जिसे देख आप दातो तले अंगुलिय दबा लेंगे / यहाँ के ब्रम्ह अश्थान की तो बात हीं निराली है,यहाँ इन्सान अपने ऊपर से काले साये को हटाने के लिए भूत बनकर नाचते हैं/और तो और इन्हें इस ब्रम्ह अश्थान के आगे किसी डॉक्टर का इलाज भी काम लगता है/वर्षों से इस ब्रम्ह अश्थान पर दूर-दूर से लोग आते हैं और अपने दुःख-दर्द के बिलकुल हीं ख़त्म होने की बात करते हैं /इस ब्रम्हा अश्थान पर एक बड़ा सा बरगद का पेड़ है/ठीक इस बरगद के पेड़ के नीचे ब्रह्म अश्थान है/दूर-दूर से आये लोग इस बरगद के पेड़ से सत्कार ब्रम्ह की आराधना करते हैं/ऐसा माना जाता है की यहाँ के ब्रम्ह स्वयम ही धरती से प्रकट हुए थे/तब से लेकर आज तक यहाँ आमवाश्य और नवरात्र में मेले का आयोजन किया जाता है जो अपनेआप में एक अनूठा मेला कहा जाता है/बरगद के नीचे हर तरफ ब्रह्म अश्थान बना हुआ है/यहाँ पर एक नरक कुण्ड भी है ,कहाजाता है की इस नरक कुण्ड में नहा लेने के बढ सारे रोग तथा काले साये का अंत हो जाता है/इस नरक कुण्ड में पानी काम कीचड़ ज्यादा है पर लोग इसमें बड़े ही चाव से नहाते हैं,क्योंकि इन्हें अपने ऊपर स्वयम काले साये को जो उतारना है/बच्चे हो या महिला या फिर २२ वर्ष का नौजवान सभी यहाँ अपने ऊपर के काले साये को उतारने आते हैं/ — कहते है आग,पानीओर हवा से खिलवार करना अपने मौत को बुलावा देने के बराबर होता है पर पर यहाँ महिलाएं बड़े ही आसानी से यहाँ के नरक कुण्ड में कूद जाती हैं/ इस दिल दहलाने वाली दृश्य को देख आप अचंभित जरुर हुवे होंगे पर ठहरिये अभी तो ये शिर्फ़ झलकिया अभी बहुत कुछ बाकी है /अब जरा रस्सी से बंधी इस बूढी महिला को देखिये ,इन्हे कोई बांध कर छोड़ नहीं गया है बल्कि इनके अन्दर के भुत को भगाने के लिये रस्सियो में जकरा गया है /भोजपुर जिले के इटाहना गाव में स्थित इस ब्रम्ह स्थान पर प्रत्येक अमवस्या दसहरा व साल के कुछ और खास दिनों मेंबड़ा मेला लगता है यह अद्भुत मेला , रोगंटे खड़ा कर देने वाले इस मेले में देश के कोने -कोने से लोग अपने दुःख दर्द को भगाने के लिये इस मेले में होते है सरिक / –न कोई डॉक्टर न कोई दवा,बिन डॉक्टर वाले इस अस्पताल में अन्ध्बिस्वास के शिकार हजारो लोग शहर के ऍम बी बी एस डॉक्टरऔ की सलाह लेना उचित नहीं समझते /आंध्बिस्वास का पर्दा इनकी आखो पर इस कुछ इस कदर पड़ा है की अपने दुःख दर्द का इलाज कराने चले आते है ब्रम्ह बाबा के दरबार में ,और फिर सुरु हो जाता है भूतो का आनोखा मेला /यही नहीं मान्यता तो यह है की यहाँ के गंदे पानी में स्नान करने से सब धुखो का निवारण हो जाता है इन्हे ये कौन बताये की यहाँ से चंद कदमो की दुरी पे पतित पावनी माँ गंगा भी बहती है /पर इससे बेखबर अंध-बिस्वास के शिकार ये लोग यु तो यहाँ अपने कष्टों के निवारण क लिया आते है पर इन्हें क्या पता सक्रमण व कई प्रकार के ला-इलाज बिमारिओ का अर्सिबाद ये बाबा के दरबार से लेकर जाते है पर किसकी मजाल जो इन्हे समझा इनके गुश्से का शिकार बने / – हमारे देश ही नहीं विश्व भर के लोगो को नासा के बैज्ञानिको ने नयारा बंगला बनाने का सपना दिखा रहे है वही दूसरी ओर साइंस और कम्पूटर की दुनिया से कोशो दूर हमारे देश के आज भी कई लोग अंध-बिस्वास के माया जाल में जकड़े पड़े है पर सबसे बड़ा सवाल तो ये है की आखिर सरकार ऐसे लोगो को जागरूक होने के लिए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है,आखिर ये अंध-बिसवासी लोग भी हमारे देश के नागरिक ही तो है / इतिहास के पन्नो की अगर बात की जाये तो २० वर्ष पहले इतःना एक साधारण सा गाँव तह,जैसा हमलोगों का गाँव होता है/पर पिछले २० वर्षों में इस गाँव को पुरे भारत में जाना जाने लगा है/कहते हैं यहाँ के ब्रम्ह आश्थान के बाबा का सम्बन्ध सीधा भगवान से है /तभी तो दूर-दूर से आये लोगों को डॉक्टर से ज्यादा यहाँ के ब्रम्ह बाबा पर विश्वास है/ सच्चाई क्या है ये तो कोई नहीं जनता पर बाबा के भक्ति को देख ऐसा लगता है की लोगों का कहना सही ही है /तभी तो पुरे भारत से लोग यहाँ अपने ऊपर के काले साये समेत तमाम रोगों के इलाज के लिए आते हैं/
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