प्रशान्त कुमार की रिपोर्ट :-
बेगूसराय में एक परिवार न्यायालय से जमानत नहीं मिलने से न्यायालय परिसर के बरामदे पर भूख हड़ताल पर बैठ गया, हालांकि भूख हड़ताल पर बैठने के कुछ देर बाद ही पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित परिवार को उठाकर डीएम ऑफिस धरना स्थल पर भूख हड़ताल के लिए बैठा दिया। दरअसल बखरी थाना क्षेत्र के चक हमीद गांव निवासी मोहम्मद नूरुद्दीन का आरोप है कि उसकी भाभी ने दहेज उत्पीड़न, छिनतई और तलाक देकर घर से निकालने का झूठा आरोप लगाकर पति,देवर और सास-ससुर पर मुकदमा दर्ज कर दिया था जबकि उसकी भाभी शहजादी खातून 6 दिसंबर 2020 को अपने बच्चों को लेकर घर से खुद निकल गई थी और बाद में झूठा केस दर्ज करा दिया। इसको लेकर सभी साक्ष्य पुलिस को और न्यायालय में दिया गया उसके बावजूद न्यायालय से महिला के देवर सास-ससुर को जमानत मिल गई जबकि उसके पति को जमानत नहीं मिल पाई है। नरउद्दीन का आरोप है कि न्यायालय में 5 बार जमानत के लिए फाइल किया गया लेकिन इस न्यायालय से उस न्यायालय में केस ट्रांसफर किया गया लेकिन उसके भाई मोहम्मद किस्मत को जमानत नहीं मिली। इसलिए वह जिला जज एडीजी 11 के न्यायधीश कोर्ट रूम के बाहर बरामदा पर पहुंचकर आमरण अनशन पर बैठ गया। जैसे ही न्यायालय परिसर में बरामदे पर अनशन की जानकारी पुलिस को मिली तो पुलिस मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को भूख हड़ताल के लिए डीएम ऑफिस के दक्षिणी द्वार पर धरना स्थल पर पहुंचा दिया जहां पीड़ित परिवार अनशन पर बैठा हुआ है।
बाईट- मोहम्मद नूरुद्दीन, अनशनकारी