निलांबुज कुमार झा की रिपोर्ट :-
प्रगतिशील आन्दोलन शिखर पुरुष व महान साहित्यकार कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचन्द के 142 वीं जयंती एआईडीएसओ के तत्वावधान में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय कंपनीबाग में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एआईडीएसओ के बिहार राज्य अध्यक्ष रोशन कुमार रवि ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े किसान मजदूर एवं शोषित पीड़ित लोगों के दुख तकलीफों अपने कथा साहित्य में जगह दी। उनके विचारों ने तत्कालीन शोषक अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया। वे दिलो जान से चाहते थे कि देश से अंग्रेजी शासन व्यवस्था के समाप्ति के बाद सभी के लिए शिक्षा- स्वास्थ्य एवं रोजगार सुनिश्चित हो और सभी जाति धर्म के लोग आपसी भाईचारा के साथ एक खुशहाल जीवन यापन करें। एआईडीएसओ के भागलपुर जिला अध्यक्ष प्रणव कुमार ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी प्रेमचंद सभी के मनीषियों का सपना अधूरा है, शिक्षा स्वास्थ्य के निजीकरण व्यापारीकरण के चलते यह दिन प्रतिदिन आम लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। वहीं रोजी रोजगार का संकट बढ़ रहा।
इस अवसर पर शिक्षाविद् संतोष कुमार जनक ने कहा कि छात्रों के चरित्र निर्माण एवं एक बेहतर समाज के लिए प्रेमचंद सरीखे मनीषियों के कहानी साहित्य एवं उनके विचारों को आज छात्र युवाओं को जानना समझना बेहद जरूरी है।
कार्यक्रम में शिक्षाविद् किशोर प्रसाद, एआईडीएसओ के जिला कमिटी सदस्य टारजन कुमार, श्रवण कुमार, छोटू कुमार, सौरभ कुमार, अंकित कुमार, सचिन, उत्तम, रितेश, नीरज, विनायक सुमन, अंशु, हैप्पी सत्यम कुमार एवं अंकित कुमार आदि उपस्थित थे।