मनोज कुमार की रिपोर्ट :-
112 बच्चे बेरा टेस्ट के लिए हुए रेफर, 56 बच्चों की जांच में 24 पॉजिटिव
जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन स्वयं कर रहे श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट की लगातार मॉनिटरिंग गया, *हियरिंग लॉस यानि सुनने की समस्या से प्रभावित बच्चों की स्क्रीनिंग कर उनका आवश्यक इलाज किया जा रहा है. ऐसे बच्चों की सूची बनाकर उन्हें डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर भेजा जाता है ताकि वहां उनका आवश्यक बेरा टेस्ट किया जा सके. इसे लेकर जिला में महत्वाकांक्षी श्रवण श्रुति कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है.* इस पूरे प्रोजेक्ट के कार्यों का जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम स्वयं अपने स्तर से समीक्षा तथा अनुश्रवण कर रहे हैं। एक एक बच्चों की इलाज संबंधी पूरी जानकारी स्वयं ले रहे हैं। जिलाधिकारी का निर्देश है कि आइसीडीएस और स्वास्थ्य विभाग समन्वय स्थापित कर कम सुनने की क्षमता से प्रभावित बच्चों को चिन्हित करें तथा उनकी सूची बनायें. आंगनबाड़ी केंद्रों पर कैंप लगा कर बच्चों की स्क्रीनिंग करें तथा उन्हें आवश्यक इलाज की सुविधा मुहैया करायें. ऐसे बच्चों के परिजनों को पूर्व से कैंप की सूचना दें तथा आंगनबाड़ी केंद्र तक लाने में उनकी हर प्रकार की मदद की जाये. बच्चों के कानों की जांच राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के दल द्वारा किया जाये. सुनने की क्षमता की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित बच्चों को आवश्यक इलाज के लिए पटना तथा कानपुर स्थित स्वास्थ्य संस्थान भेजा जाये.
डीईआईसी में होगा बच्चों का बेरा टेस्ट:
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीलेश कुमार ने बताया सुनने की क्षमता से प्रभावित बच्चों को चिन्हित करने का काम किया गया है. डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में 67 बच्चों के बेरा टेस्ट यानि ब्रेन स्टेम इवोक्ड रिस्पॉन्स आडियोमेट्री जांच का काम किया जा रहा है. ऐसे बच्चों के सुनने की क्षमता के प्रभाव की गंभीरता को ध्यान में रख सूची तैयार की जायेगी और उन्हें आवश्यक इलाज की सुविधा मुहैया करायी जायेगी.
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जिला समन्वयक डॉ उदय मिश्रा ने बताया बेरा पॉजिटिव होने का मतलब बच्चा गंभीर रूप से बहरेपन का शिकार है और इसके लिए कॉकलीयर इम्प्लांट विधि अपनाया जाना है. श्रवण श्रुति कार्यक्रम के प्रखंड स्तर पर अनुश्रवण कर रही स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था यूनिसेफ के संजय कुमार ने बताया बच्चों के बेरा टेस्ट पॉजिटिव निकलने पर उन्हें आवश्यक इलाज कराने के लिए बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में भेजा जायेगा.
बेरा टेस्ट के लिए 56 बच्चे रेफर, 24 पॉजिटिव:
■ बोधगया प्रखंड में 226 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 6533 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई जिसमें 37 बच्चों को बेरा टेस्ट के लिए रेफर किया गया. इनमें 29 बच्चों का बेरा टेस्ट हो चुका है. छह बच्चों का बेरा टेस्ट पॉजिटिव है.
■ शेरघाटी प्रखंड के 105 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 1616 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई है जिसमें आठ बच्चों को बेरा टेस्ट के लिए रेफर किया गया. इनमें छह बच्चों का बेरा टेस्ट किया गया है.
■ टिकारी प्रखंड में 127 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 2621 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 14 बच्चों का बेरा टेस्ट के लिए रेफर किया गया. सभी बच्चों का बेरा टेस्ट हुआ जिसमें 12 बच्चे बेरा पॉजिटिव मिले हैं.
■ खिजरसराय प्रखंड में 103 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 1914 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई. इनमें 3 बच्चे बेरा टेस्ट के लिए रेफर किये गये. 2 बच्चे बेरा टेस्ट पॉजिटिव पाये गये हैं.
■ बेलागंज के 21 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 689 बच्चों की स्क्रीनिंग की गयी. तीन बच्चे बेरा टेस्ट के लिए रेफर किये गये इनमें दो बच्चे बेरा टेस्ट पॉजिटिव मिले हैं.
■ गया शहरी क्षेत्र में 104 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 1726 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें एक बच्चे को बेरा टेस्ट के लिए रेफर किया गया है. यहां बेरा टेस्ट पॉजिटिव बच्चे नहीं हैं.