मनोज कुमार की रिपोर्ट :-
गया देश के शहरी पथ विक्रेताओं के अधिकारों की रक्षा करने और पथ विक्रय गतिविधियों को विनियमित करने के उद्देश्य से सन 2014 में स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट लागू किया गया था।
भारत के महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई, सहित सभी शहरों के मुख्यालयों में करोड़ों स्ट्रीट वेंडर्स जो देश के गैर कृषि शहरी अनौपचारिक रोजगार का 14% है जो औसतन 10 से 12 घंटे काम करते है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह क्षेत्रीय प्रवक्ता बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी प्रो विजय कुमार मिठू, पूर्व सांसद सह गया नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष रंजीत सिंह उर्फ रंग बाबू, पूर्व विधायक मो खान अली, राम प्रमोद सिंह, विद्या शर्मा, अमरजीत कुमार, टिंकू गिरी, गया जिला फुटपाथ दुकानदारों के नेता विनोद बनारसी, सुजीत कुमार गुप्ता, राजेश अग्रवाल, मुन्ना कसेरा, अरुण कुमार पासवान, सुरेंद्र मांझी, आदि ने कहा की गया शहर के के पी रोड, जी बी रोड, से हटाए गए स्ट्रीट वेंडर्स को अविलंब पिलग्रिम अस्पताल के तीन तरफ, गांधी मैदान के पास, किरानी घाट पुल के पास जगह उपलब्ध कराया जाए ताकि इन गरीब परिवारों का भरण पोषण हो सके।
नेताओ ने कहा क्रोरोना महामारी में शहरी पथ विक्रेता लॉक डाउन के कारण उनकी स्थिति बदतर हो गई है जिन्हे केंद्र सरकार दस हजार रुपया राष्ट्रीयकृत बैंकों से देने की योजना कागजी बन कर रह गई, उसके नाम पर बिचौलियों तथा बैंक कर्मियों तथा सरकारी बाबुओं द्वारा जम कर कमीशनखोरी की गई, तथा 10 % लोग ही लाभान्वित हुए।
नेताओ ने सभी स्ट्रीट वेंडर्स को राष्ट्रीयकृत बैंकों से बिना सूद 50% सब्सिडी के साथ 10, 10 हजार रुपए मुहैया कराए।