Search
Close this search box.

“तुम्हारे गांव में फसलों का मौसम गुलाबी है, मगर यह दावे झूठे हैं बातें किताबी है”!

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

पंकज कुमार ठाकुर!

क्या खूब कहा है अदम साहब ने और यकीन नहीं होता है तो टटोलीए मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल और जल का योजना। जहां हर एक प्रखंड को हर घर में जल पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा प्राकृलित राशि आवंटित करवाया गया। जहां से यह राशि मुखिया जी के देखरेख में अलग-अलग वार्ड में पहुंचा। जहां वार्ड सदस्य ने टंकी बनवाने से लेकर नल लगाने तक का कार्य करवाया। और यह सब कृपा निधान मुखिया जी की देखरेख में चला। अब इस बार कुछ कृपा निधान औंधे मुंह गिर गए हैं। और उनकी कई योजनाएं जवाब दे जा रही है, ऐसे में कृपा निधान से लेकर वार्ड तक आम जनमानस का फजीहत झेलना पड़ रहा है। दरअसल पिछले पंचवर्षीय योजना के तहत मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना से प्रखंड के कई पंचायतों में नल जल का काम करवाया गया था। लेकिन अभी आप जाकर बांका जिला के किसी भी प्रखंड को टटोल आएंगे, तो कई ऐसे प्रखंड के गांव आपको मिल जाएंगे जहां जल तो है लेकिन नल नहीं और कहीं नल है तो जल नहीं और पानी के लिए इस ठंड में भी लोगों को पसीना बहाना पड़ रहा है। अब फिर से नए कृपा निधान आएंगे, राशि आवंटित होगी, फिर से होगा काम लेकिन उन सरकारी बाबुओं का क्या जिनको देखरेख की पूरी जिम्मा दी गई थी। इधर सूत्र बताते हैं कि ऐसे कुछ बाबुओं पर राजनीति आकाओं के वरद हस्त भी हासिल होते हैं। और यही कारण है कि कई बाबू एक ही जगह लंबे समय से जमे रहते हैं। और जब जांच का लोचा आए तो साहब लंबी छुट्टी पर चले जाते हैं।तो अब ऐसे में सवाल यह उठता है। ऐसे दोषी अधिकारियों को भी चिन्हित कर क्यों ना दंडित किया जाए, जिससे इनके पीछे खड़ी दलालों की लंबी फौज की रूह कांप जाए, और आम जनमानस का सरकार के प्रति आम जनमानस का विश्वास बरकरार रहे।

Leave a Comment

और पढ़ें