शकील की रिपोर्ट

बगहा (नगर संवाददाता) भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा 95 वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि साधक बालकदास बाबा जी महाराज, विशिष्ट अतिथि आचार्य अवध किशोर मिश्र, लोकप्रिय कलाकार व संस्थपक डी. आनन्द, समाज सेवी संगीत आनंद, सचिव होम लाल प्रसाद , स्वरांजलि सेवा संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी, पंडित दीपक चतुर्वेदी, शिक्षक चंदन कुमार एवं एडिटर स्वरांजलि सरगम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।मुख्य अतिथि श्री बालकदास ने कहा कि संगम तट पर कथा पूजा एवं महा आरती का आयोजन ऐतिहासिक पहल है। निदेशक डी.आनंद ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण संवर्धन एवम् प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा के प्रति लोगों में जन जागरूकता लाने हेतु 6 नवम्बर 2014 से इस महा आरती का आयोजन किया जा रहा है । यह दिव्य महा आरती वाल्मीकि नगर पर्यटन की पहचान बनती जा रही है । संस्था के एम.डी और समाज सेवी संगीत आनंद ने कहा कि इस महाआरती में भारत नेपाल के कलाकार और संत महात्मा भाग लेते आ रहे हैं। होम लाल प्रसाद ने कहा कि थरुहट के कलाकारों को भी इस महाआरती मंच के माध्यम से हमेशा मौका देकर कलाकारों को स्वावलंबी बनाने की सार्थक कोशिश जारी है। विशिष्ट अतिथि आचार्य अवध किशोर ने कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर स्नान दान की महिमा बताई। धर्म की जय कार के साथ-साथ सर्व धर्म समभाव की भावना का संचार जनमानस में किया जाता है । थरुहट के कैमरामैन शुभम नीरज, परशुराम प्रसाद, सिंधु देवी, चुन्नू ठाकुर, पंडित लक्ष्मण चौबे , रामकुमार चौबे, जे.पी मिश्र, राजीव पांडे, राम रंजन सिंह, शिवचंद्र शर्मा,,करण भोजपुरीया, रामेश्वर गुप्त, कामेश्वर श्रीवास्तव एवं अरविंद श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। नई दिल्ली के आचार्य पंडित चित्रसेन तिवारी के सौजन्य से अतिथिगण अंगवस्त्रम द्वारा सम्मानित किए गए। वहीं कोटि होम आश्रम नेपाल के पीठाधीश गुरु वशिष्ठ एवं राजेश यादव के सौजन्य से महा प्रशाद का इंतजाम किया गया। संचालन डी.आनंद ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक चंदन कुमार ने किया। स्वरांजलि सेवा संस्थान की गायिका भारती कुमारी, गायक संगीत आनंद ,धर्मराज शर्मा, एवं राजा कुमार के भजनों की प्रस्तुतियों ने सबका मन मोह लिया। सप्त चंडी ट्रस्ट के आचार्यों द्वारा शांति पाठ करके कार्यक्रम को विराम दिया गया।