:- रवि शंकर अमित!
एनटीपीसी से निकलने वाली पानी से लगभग डेढ सौ बीघा घान और दलहन फसल बर्बाद, खाट पर फसल काट रहे किसान
बाढ़ के एनटीपीसी प्लांट से निकलने वाले पानी के कारण सैकड़ो बीघा तैयार घान की फसल बर्बाद हो गई है, किसान धान की फसल काटकर खाट पर रखकर घर ले जाते है ठंडे के कारण घुटने भर पानी में रहकर फसल काटना पड़ता है जिसके कारण कई किसान बीमार भी हो चुके है, कई बीघा में तैयार घान की फसल बर्बाद होकर फिर जन्म गई है। वहीं पच्चास एकड़ दलहन की फसल डूब गई है। किसानों का कहना है कि लगभग सात सालों से यह समस्या है, फसल तैयार करने या काटने के दौरान केमिकल युक्त पानी के कारण बीमारी और पैर में समस्या होती है। दो किसान खाट के सहारे दो कट्ठा फसल काटने के बाद बीमार हो गए जिसके बाद से अन्य किसान भी डरे हुए है। 15-20 मिनट पानी में घान काटने के बाद ठंड असर कर जाता है जिससे कई किसान बीमार हो चुके है। इस केमिकल युक्त रिसाइकल पानी से जमीन भी धीरे धीरे बंजर हो रही है। कुछ सक्षम किसान ही घान की फसल काट कर ले जा रहे है, बाकी अस्सी प्रतिशत फसल बर्बाद हो रही है। वहीं लगभग अस्सी से ज्यादा किसानो की फसल बर्बाद हुई है। ढीबर, सहनौरा, रैली ईंग्लिश, लक्ष्मीपुर, बरियारपुर मौजा में परसावां और मंगरचक के किसान खेती करते है। किसानों ने बताया कि पानी की निकासी के लिए रेल किनारे पईन बना हुआ था लेकिन एनटीपीसी के द्वारा डंप में पाईप ले जाने के लिए उसे बाधित कर दिया गया। किसानों ने पिछले सोमवार को इसकी लिखित शिकायत एनटीपीसी के अधिकारी और पंडारक सीओ से की है। किसानों की मांग है कि एनटीपीसी से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को कहीं और गिराया जाए और उनके नुकसान का मुआवजा दिया जाए।
वहीं इस मामले को लेकर एनटीपीसी के पीआरओ विकाश धर द्विवेदी ने जानकारी दी कि किसानों की समस्या के बाद जांच टीम बनाई गई लेकिन अभी तक पानी निकलने वाले स्थल का पता नही चल सका है। वहीं वयान देने में टाल-मटोल करते रहे।
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