:- रवि शंकर अमित!
मोकामा नगर परिषद पर किसान काफी आक्रोशित हैँ, कारण है की मोकामा नगर परिषद द्वारा वेस्टेज वाटर को रीट्रीट करके टाल में छोड़ा जा रहा है, किसानों के अनुसार प्रतिदिन यह मात्रा 2 लाख लीटर तक होती है, जिससे बुआई की गई फसलें लगातार डूबती जा रही हैं,मोकामा टाल के किसानों पर एक तो प्रकृति की मार है दूसरी ओर सिस्टम का प्रहार, इन दोनों के बीच किसान पिसता हुआ महसूस कर रहा है, लेकिन किसानों की सुनता कौन है?
औटा कृषि विकास समिति से जुड़े कई किसानो ने सीओ से लेकर नगर परिषद के अधिकारीयों और एसटीपी प्लांट के प्रबंधक तक दौर लगाकर थक चुके हैँ और अब मामला पीएमओ से होते हुये हाईकोर्ट तक पहुँच चूका है!
किसानों ने बताया की अबतक 7 से 8 सौ बीघे की फ़सल बर्बाद हो चुकी है, और बर्बादी की मात्रा लगातार बढ़ रही है, क्यूंकि वेस्टेज पानी का आना अभी भी जारी है, किसानों ने इसपर तुरंत रोक लगाते हुये मुआवजा की माँग की है अन्यथा आंदोलन की चेतावनी भी दी है!
इस मामले पर कोई भी अधिकारी मीडिया तक से बात करने को तैयार नहीं हैं!इसलिये अब किसानों को आंदोलन और हाई कोर्ट का रास्ता नजर आ रहा है!
बाइट – किसान



