रिपोर्ट- मिथुन कुमार!
नालंदा- :नई सरकार के गठन के अभी सिर्फ एक सप्ताह ही हुए हैं, लेकिन इसी बीच सरकार पर गरीबों के सामने नई मुसीबत खड़ी करने के आरोप लगने लगे हैं। नालंदा जिले के रहुई प्रखंड स्थित सोनसा पंचायत के शिवनंदन नगर में दशकों से रह रहे सैकड़ों परिवार बेघर होने की कगार पर पहुँच गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने इन सभी परिवारों को हटाने का नोटिस जारी किया है, जिसके बाद मामला राजनीतिक रूप से गर्मा गया है। शिवनंदन नगर में निवास कर रहे ये सभी परिवार कई दशको से यहां रह रहे हैं। लेकिन हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने इन्हें अतिक्रमणकारी बताते हुए 26 नवंबर तक हट जाने का नोटिस जारी कर दिया। इसी का विरोध करते हुए सोमवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने जिला समाहरणालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया और मुख्य सड़क मार्ग को भी कुछ देर के लिए जाम कर दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा नेता शिवकुमार यादव ने आरोप लगाया कि रहुई प्रखंड के अंचलाधिकारी की मिलीभगत से दलित और महादलित परिवारों को उजाड़ने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भूमिहीनों को पाँच डिसमिल जमीन देने का वादा किया था, लेकिन आज तक जमीन नहीं मिली। जमीन दिए बिना ही इन गरीब परिवारों को बस्ती से हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। भाकपा ने मांग की कि जब तक राज्य सरकार 20-20 के समूह में योग्य श्रेणी की जमीन और आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध नहीं कराती, तब तक किसी भी महादलित परिवार को यहां से नहीं हटाया जाए। पार्टी ने कहा कि गरीबों को अतिक्रमण के नाम पर परेशान करना बंद किया जाए और स्थायी पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।



