जन सुराज की रणनीति यदि सफल रही, तो यह राजद को बाजपट्टी सीट पर लग सकता है बड़ा झटका!

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आदित्यानंद आर्य, सीतामढ़ी

उत्तर बिहार की सियासत में एक बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। राजद के पूर्व सांसद स्वर्गीय मोहम्मद अनवारूल हक के पुत्र मोहम्मद आजम हुसैन अनवर ने अब अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत जन सुराज से करने का फैसला लिया है। बाहुबली छवि के लिए चर्चित रहे अनवारूल हक के निधन के बाद अब उनके बेटे आजम हुसैन ने सक्रिय राजनीति में उतरते हुए बाजपट्टी विधानसभा क्षेत्र से चुनावी तैयारी तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि आजम हुसैन को आगामी विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी से टिकट मिलने की प्रबल संभावना है। अगर ऐसा होता है तो उनका सीधा मुकाबला राजद के वर्तमान विधायक से होगा। ऐसे में यह सीट बेहद दिलचस्प बन गई है और सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। आजम इन दिनों लगातार क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं और मतदाताओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं। गौरतलब है कि उनके पिता अनवारूल हक एक समय में उत्तर बिहार की राजनीति में मुस्लिम समुदाय के सबसे प्रभावशाली चेहरों में गिने जाते थे। हालांकि उन पर कई संगीन आपराधिक मुकदमे भी दर्ज थे। उनके निधन के बाद राजनीति में उनकी जगह लेने का जिम्मा अब आजम ने संभाल लिया है। हालांकि आजम अपने पिता की छवि से पूरी तरह अलग होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके आसपास भी बंदूकधारियों की मौजूदगी यह संकेत देती है कि वे फिलहाल उस प्रभाव से खुद को पूरी तरह अलग नहीं कर पाए हैं। इसके बावजूद वे खुद को विकास और पारदर्शिता की राजनीति का नया चेहरा बताने का प्रयास कर रहे हैं। इस राजनीतिक कदम से राजद की चिंताएं बढ़ गई हैं, खासकर बाजपट्टी सीट पर जहां मुस्लिम और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। आजम हुसैन की सक्रियता और जन सुराज की रणनीति यदि सफल रही, तो यह राजद के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। मो. आजम हुसैन ने बताया कि मैं अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं, लेकिन एक नई सोच और नई दिशा के साथ। मेरी प्राथमिकता लोगों की समस्याएं सुनना और उन्हें समाधान देना है, न कि डर पैदा करना। मैं चाहता हूं कि लोग मुझसे जुड़ाव महसूस करें, न कि भय।

— मो. आजम हुसैन, पूर्व सांसद स्व. अनवारूल हक के पुत्र

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