रिपोर्ट- आशुतोष पांडेय!
भोजपुर में बालाजी तिरुपति मंदिर की सौगात देकर शाहाबाद में सनातन की जड़ें मजबूत करेंगे ऋतुराज सिन्हा, पैतृक गांव बहियारा में तेजी से चल रहा है मंदिर निर्माण का कार्य
आरा, 26 जून.
भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा की प्रेरणा से उनके पुत्र और भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा और उनकी धर्म पत्नी श्रीमती पल्लवी सिन्हा द्वारा परिवार के बड़े सदस्यों के साथ मिलकर अपने पैतृक गांव बहियारा में दक्षिण भारतीय शैली पर आधारित तिरुपति बाला जी मंदिर के निर्माण के लिए किये गए भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ मंदिर निर्माण का कार्य अब तेजी से आगे बढ़ रहा है.तमिलनाडु के चेन्नई से आकर मंदिर निर्माण का कार्य देख रहे शक्ति जी की देखरेख में पिछले 11 मई से शुरू हुआ निर्माण कार्य अब भूतल तक पहुँच गया है. भूतल के बाद मंदिर की पूरी संरचना को आकार देने के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ जमीनी स्तर के पीलर के ढलाई का कार्य पूरा कर लिया गया है. इसी महिने के अंत तक तमिलनाडु से लगभग ढाई दर्जन मंदिर निर्माण के विशेषज्ञों की टीम बहियारा पहुँच जाएगी. दक्षिण भारतीय मंदिर निर्माण शैली पर आधारित निर्माणाधीन बाला जी तिरुपति मंदिर भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है. यह मंदिर पूरे शाहाबाद जनपद का इकलौता मंदिर बनने जा रहा है जहां भगवान विष्णु के अवतार तिरुपति बाला जी का दिव्य दर्शन होगा. मंदिर के गर्भगृह में साक्षात् बालाजी तिरुपति विराजमान होंगे. इस मंदिर में ठीक बालाजी के पीछे की तरफ कुल देवता की प्रतिमा होगी. बालाजी के बगल में महालक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित होंगी. बाएँ भगवान श्री रामचंद्र जी विराजमान होंगे और प्रवेश द्वार पर गणपति जी और हनुमान जी की प्रतिमा होगी.
दक्षिण भारतीय मंदिर शैली पर आधारित मंदिर को बनाने के लिए तमिलनाडु के कोयमबटुर से शिल्पकारों की एक डेढ़ दर्जन सदस्यों और विशेषज्ञों की टीम 27-28 जून को बहियारा पहुँच जाएगी. अगले सात महीनों के भीतर यह भव्य एवं दिव्य मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जायेगा.भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा बताते हैं कि दक्षिण भारतीय मंदिर कलाकृति पर आधारित यह मंदिर भव्य एवं दिव्य होगा. यह मंदिर भोजपुर और शाहाबाद का एक अलग तरह का मंदिर होगा, जिसमें दक्षिण भारत के मंदिरों की हू ब हू झलक दिखेगी. भोजपुर जिले के कोइलवर प्रखंड स्थित बहियारा गांव के साथ ही आस पास के लोगों की पूजा अर्चना के लिए यह मंदिर काफी महत्व वाला होगा.