रिपोर्ट- अमित कुमार!
पटना बिहार
बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अब चरम पर है। राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को जमीन पर उतारना शुरू कर दिया है। एक तरफ एनडीए युवाओं और महिलाओं को साधने में जुटा है, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव युवा संसद संवाद जैसे आयोजनों के ज़रिए बिहार की मौजूदा सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। देखिए ये खास रिपोर्ट?
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और हर दल मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। आज पटना के बापू सभागार में युवा आरजेडी की ओर से आयोजित हुआ छात्र संसद संवाद, जिसका उद्घाटन खुद तेजस्वी यादव ने किया। इस कार्यक्रम में 15,000 से ज्यादा युवाओं की मौजूदगी बताई जा रही है, जहां तेजस्वी ने कलम बांटकर सरकार की नीतियों पर हमला बोला। कम हम कमल बाट रहे है, वो हथियार बाट रहे है। यानी सरकार मान रही रही की बिहार कानून नाम की चीज नहीं है। साथ तेजस्वी ने 2 हजार एकड़ में वर्ल्ड क्लास एजुकेशन हब बनाने की बात कही है।
वहीं तेजस्वी यादव के इस आयोजन को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि
“तेजस्वी यादव के पिता ने लाठी बांटी थी, अब ये कलम बांटने का ढोंग कर रहे हैं। जब पढ़ाई का वक्त था, तब कलम छोड़ी… अब युवाओं को कलम से बहलाने की कोशिश हो रही है।
वही जेडीयू ने भी हमाल बोला हैबिहार की संस्कृति उड़ान की रही है, यहां पढ़ाई-लिखाई की बात करना राजद जैसी पार्टियों के लिए बेमानी है। सिर्फ कलम बांटने से कुछ नहीं होगा।
तेजस्वी यादव के इस कार्यक्रम पर भाजपा के नेताओं द्वारा किए जा रहे हैं हमले पर कांग्रेस पार्टी में मोर्चा संभाली है कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि
“तेजस्वी यादव कलम बांट रहे हैं, और बीजेपी तलवार। अब तो नीतीश कुमार बंदूकें बांट रहे हैं। कांग्रेस गांधी की पार्टी है, और हम कलम से ही लड़ाई लड़ेंगे।
बिहार की सियासत में युवाओं को साधने की यह होड़ दिलचस्प मोड़ ले रही है। देखना ये होगा कि कलम का असर ज्यादा होता है या तलवार और बंदूक की राजनीति एक बार फिर बिहार की सत्ता पर काबिज होती है।
तो अब आने वाले चुनाव ही तय करेंगे कि युवाओं का समर्थन किसके साथ जाता है – कलम बांटने वाले तेजस्वी यादव के साथ, या फिर एनडीए की पुरानी रणनीति के साथ।