चुनाव आयोग अपनी तुगलकी फरमान को वापस ले – माले!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झा

लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रहा है चुनाव आयोग – दिलीप झा भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मधुबनी जिला सचिव मनोज कुमार यादव और जिला सचिव मंडल सदस्य दिलीप झा ने संयुक्त रूप से कहा है कि विधानसभा का चुनाव होने को है। दो महीने के बाद चुनाव होगा और चुनाव आयोग तुगलकी फरमान जारी कर कहा है कि बी एल ओं घर घर जाकर मतदाताओं को सत्यापित करें। चुनाव आयोग के इन आदेश देने की कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग का फरमान तुगलकी है। इसे वापस लिया जाए, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची का पुनरिक्षण शुरू किए जाने को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी की बैठक में सीपीएम सहित अन्य दलों के नेताओं ने विरोध जताया है, और सीधे तौर पर इसे मतदाता सूची में से नाम हटाने का एक षड्यंत्र बताया है, उन्होंने कहा कि बिहार में 8 करोड़ मतदाता हैं अगर समय सीमा के अन्दर मतदाता से संबंधित कागजात जमा नहीं हो सका तो ऐसी परिस्थितियों में मतदाता नहीं रह पाएंगे, और वोट की अधिकारों से वंचित हो जाएंगे,यह एक तरह का एन आर सी जैसा ही है, विशेष गहन पुनरीक्षण के आर में ये मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी है। सीपीएम जिला सचिव मंडल सदस्य दिलीप झा ने कहा है कि चुनाव आयोग की घोषणा से लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने की एक साज़िश की बू आ रही है। जिसे हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर मतदाता का नाम हटाने की साज़िश किया जा रहा है , चुनाव आयोग ने अपने गाइड लाइन में बताया है कि 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म लिए किसी व्यक्ति अपने माता-पिता में से किसी एक के भारत के नागरिक होने पर 2 जुलाई 2004 के जन्मे लोगों को माता पिता दोनों के नागरिक होने के प्रमाण देने के जो शर्तें लगाई जा रही है वह काफी चिंतित करने वाली है और वह भी प्रक्रिया के लिए एक महिना मात्र का समय दिया गया है। जिससे बड़ी संख्या में लोगों का नाम मतदाता सूची से हट जाएगा, बिहार के लोग दुसरे राज्यों में रोजी रोटी कमाने के लिए रहते आ रहें हैं और बीएलओ एक घर परिवार को सत्यापित करने उनके घर जाएग और नहीं रहने पर तीन नोटिस घर पर चिपका दिया जाएगा नहीं रहने पर नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दिया जाएगा। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान भारी अव्यवस्था , बड़े पैमाने पर गलती किया जा सकता है, खासकर जुलाई के महिने में बरसात का मौसम है और दुसरे तरफ़ लोग खेती में व्यस्त रहता है, सभी मतदाताओं से एक महिना के अन्दर फॉर्म भरने और इकठ्ठा करना कठिनाइयों से भड़ा पड़ा है। इस सवालों पर इंडिया महागठबंधन संघर्ष करने के लिए सड़क पर भी उतरने को तैयार है। अन्यथा अपने फरमान पर चुनाव आयोग दूबारा से बिचार करें।

भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मधुबनी जिला सचिव मनोज कुमार यादव और जिला सचिव मंडल सदस्य दिलीप झा ने संयुक्त रूप से कहा है कि विधानसभा का चुनाव होने को है। दो महीने के बाद चुनाव होगा और चुनाव आयोग तुगलकी फरमान जारी कर कहा है कि बी एल ओं घर घर जाकर मतदाताओं को सत्यापित करें। चुनाव आयोग के इन आदेश देने की कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग का फरमान तुगलकी है। इसे वापस लिया जाए, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची का पुनरिक्षण शुरू किए जाने को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी की बैठक में सीपीएम सहित अन्य दलों के नेताओं ने विरोध जताया है, और सीधे तौर पर इसे मतदाता सूची में से नाम हटाने का एक षड्यंत्र बताया है, उन्होंने कहा कि बिहार में 8 करोड़ मतदाता हैं अगर समय सीमा के अन्दर मतदाता से संबंधित कागजात जमा नहीं हो सका तो ऐसी परिस्थितियों में मतदाता नहीं रह पाएंगे, और वोट की अधिकारों से वंचित हो जाएंगे,यह एक तरह का एन आर सी जैसा ही है, विशेष गहन पुनरीक्षण के आर में ये मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी है। सीपीएम जिला सचिव मंडल सदस्य दिलीप झा ने कहा है कि चुनाव आयोग की घोषणा से लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने की एक साज़िश की बू आ रही है। जिसे हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर मतदाता का नाम हटाने की साज़िश किया जा रहा है , चुनाव आयोग ने अपने गाइड लाइन में बताया है कि 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म लिए किसी व्यक्ति अपने माता-पिता में से किसी एक के भारत के नागरिक होने पर 2 जुलाई 2004 के जन्मे लोगों को माता पिता दोनों के नागरिक होने के प्रमाण देने के जो शर्तें लगाई जा रही है वह काफी चिंतित करने वाली है और वह भी प्रक्रिया के लिए एक महिना मात्र का समय दिया गया है। जिससे बड़ी संख्या में लोगों का नाम मतदाता सूची से हट जाएगा, बिहार के लोग दुसरे राज्यों में रोजी रोटी कमाने के लिए रहते आ रहें हैं और बीएलओ एक घर परिवार को सत्यापित करने उनके घर जाएग और नहीं रहने पर तीन नोटिस घर पर चिपका दिया जाएगा नहीं रहने पर नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दिया जाएगा। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान भारी अव्यवस्था , बड़े पैमाने पर गलती किया जा सकता है, खासकर जुलाई के महिने में बरसात का मौसम है और दुसरे तरफ़ लोग खेती में व्यस्त रहता है, सभी मतदाताओं से एक महिना के अन्दर फॉर्म भरने और इकठ्ठा करना कठिनाइयों से भड़ा पड़ा है। इस सवालों पर इंडिया महागठबंधन संघर्ष करने के लिए सड़क पर भी उतरने को तैयार है। अन्यथा अपने फरमान पर चुनाव आयोग दूबारा से बिचार करें।

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