अपराध नियंत्रण को लेकर जिला अभियोजन समिति की बैठक आयोजित!

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रिपोर्ट- विक्रम उपाध्याय/खगड़िया


समाहरणालय स्थित सभागार में जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार की अध्यक्षता में अभियोजन समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले में अपराध नियंत्रण, न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने एवं आपराधिक गतिविधियों पर निगरानी को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बेल निरस्तीकरण एवं स्पीडी ट्रायल शीघ्र प्रारंभ कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही जिला-बदर की कार्रवाई, आर्म सर्च ऑपरेशन तथा कर्टूस सत्यापन को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने हेतु स्पष्ट निर्देश दिए गए।

CCA की धारा 03 व 12 के तहत प्रस्ताव तैयार कर भेजे जाने का निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे आपराधिक तत्वों की पहचान की जाए जो जेल से छूटने के बाद पुनः अपराध में संलिप्त हो रहे हैं – इन पर विशेष निगरानी रखी जाए।

जिलाधिकारी ने सभी अपराधियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि वे तुरंत आपराधिक गतिविधियों से विरत हों, अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि अभियोजन समिति की बैठक प्रत्येक माह नियमित रूप से आयोजित की जाए ताकि सजा की प्रक्रिया को तेज किया जा सके। साथ ही सभी थानों को निर्देशित किया गया कि कुख्यात व चिन्हित अपराधियों की सूची तैयार कर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें।

बैठक में सिविल सर्जन को भी निर्देशित किया गया कि स्थानांतरित एवं सेवानिवृत्त चिकित्सकों की सूची शीघ्र तैयार कर, उन्हें नोटिस भेजना सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि मात्र 50% मामलों में ही गवाही हो रही है, जिसे जिलाधिकारी ने असंतोषजनक बताया। उन्होंने निर्देश दिया कि गवाही की दर को 80% तक बढ़ाने के लिए सभी पुलिस पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सरकारी अथवा निजी गवाह अदालत में उपस्थित हों। अनुपस्थित रहने की स्थिति में उनके विरुद्ध वारंट निर्गत कराने की कार्रवाई की जाए।

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