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फाइलेरिया बीमारी को लेकर सीएस ने किया जागरुकता कार्यक्रम का उद्घाटन!

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भागलपुर ब्यूरो

फाइलेरिया बीमारी फाइलेरिया संक्रमण मच्छरों के काटने से फैलता है यह मच्छर फ्यूलेक्स एवम मेंसोनाइडिस प्रजाति के होते हैं, जिसमें मच्छर एक धागे समान परजीवी को छोड़ता है, यह परजीवी हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है और हो जाता है फलेरिया का बीमारी।

इसी बाबत आज भागलपुर सदर अस्पताल में फलेरिया को लेकर एक जागरूकता अभियान कार्यक्रम की मुहिम चलाई गई है जिसमें भागलपुर सदर अस्पताल से 20 सितंबर 2021 से आपके घर में फाइलेरिया से बचाव की दवा पहुंचाएंगे एवं दवा कौन सी खानी है कैसे खानी है इसे भी बताएंगे! इस फायलेरिया जागरूकता कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सदर अस्पताल भागलपुर के सीएस उमेश शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि फाइलेरिया को हाथीपांव रोग भी कहा जाता है यह रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने की वजह से होता है, इस मच्छर के काटने से फाईलेरिया नाम के परिजीवी शरीर में जाने से यह रोग होता है , वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लारवा को जन्म देता है जिन्हें माइक्रोफाइलेरिया कहा जाता है, इससे बचाव को लेकर घर घर जाकर आज 20 सितंबर से आपको दवा पहुंचाई जाएगी और इससे फाइलेरिया से बचने का भी उपाय बताया जाएगा साथ ही उन्होंने दवा खाने के तरीके को भी बताया! सीएस उमेश शर्मा का कहना हुआ कि जो 2 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चे हैं वह एक गोली, 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चे दो गोली और 14 वर्ष से ऊपर वाले तीन गोली खाएंगे ,ध्यान रखना यह है कि खाना खाने के बाद ही यह गोली लेनी है, खाली पेट नहीं खाना है! साथ ही उन्होंने कहा इसकी एक और दवाई है पेनाडोल गोली जो चबाकर खाना है ध्यान यह रखना है कि गर्भवती महिला एवं ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति इसे ना लें।

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