रिपोर्ट राजीव कुमार झा
जानकी नवमी के अवसर पर मधुबनी जिले के जानकीनगर परिहारपुर में जो की पंचायत के पश्चिमी सीमा पर एसएसबी कैंप के सामने बसाया गया है। जहां पंचायत के मुखिया हीराकांत मिश्र के अध्यक्षता एवं शिक्षक रवींद्र झा के संचालन में एक कार्यक्रम सह गोष्ठी का आयोजन किया गया। पिछले वर्ष जानकी नवमी के अवसर पर लगाए गए जानकी बट वृक्ष के वर्षगांठ मनाने की।
ज्ञात हो की 2024 में स्थानीय लोगों के द्वारा जानकी नवमी के अवसर पर एक बट वृक्ष लगाया गया था। जिसका नाम जानकी वट वृक्ष रखा गया था। जिस कारण पंचायत के मुखिया हीराकान्त मिश्र ने उक्त स्थान का नाम जानकी नगर रख दिया था। आज इस प्रांगण में उस वृक्ष के एक साल पूरे होने पर जानकी नवमी के अवसर पर वृक्ष का श्रध्दा के साथ माता जानकी का चित्र रखकर पूजा पाठ किया गया। वही लगाए गए जानकी वट वृक्ष को धूप अगरबत्ती दिखाई गई और एक अनूठे पहल की शुरुआत की गई। इस अवसर पर स्थानीय लोगो के द्वारा बट वृक्ष को अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षक रवींद्र झा ने बताया कि बट वृक्ष हर जगह लगनी चाहिए। इस प्रजाति के वृक्ष का अलौकिक प्रभाव है। शिक्षक श्री झा ने हर वर्ष इस अवसर पर एक वृक्ष लगाए जाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में उपस्थित भाजपा नेता एवं मानव कल्याण मंच एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव राजीव झा ने बताया कि मिथिला की संस्कृति वैसे ही मानव समाज के लिए महत्वपूर्ण है। मिथिला की धरती पर राजा जनक के घर आज के दिन ही जानकी बेटी बन कर आईं थी। यहां भगवती पार्वती पर्वत राज हिमालय के घर पुत्री बनकर आई थी और हनुमान जी की माता अंजना देवी अहिल्या के घर पुत्री के रूप में आई थी इस तरह से कार्तिक गणेश हनुमान जी लव कुश यह सभी मिथिला के भांजे हुए। उन्होंने बताया कि बट वृक्ष के जड़ में ब्रह्मा जी का निवास होता है, तना में विष्णु जी का निवास होता है, पत्तियों में शिवजी का निवास होता है एवं गांठ में यमराज का निवास होता है। इसलिए बट वृक्ष के नीचे बैठने वाले बट वृक्ष का पूजा करने वाले सभी प्रकार के कृति यश को प्राप्त करते हैं। इस मौके पर अपने संबोधन में रमन जी मिश्र मोहर ने बताया कि वटवृक्ष जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। ये वृक्ष ऑक्सीजन का भंडार है। पर्यावरण संरक्षण एवं जिव मात्र के जिवन के लिए वट वृक्ष का संरक्षण एवं पोषण प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए। पंचायत के पंचायत समिति सदस्य मोहम्मद तैयब ने इस अवसर पर पंचायत के मुखिया से मांग किया कि एक प्रवेश द्वार बनाए और जानकीनगर परिहार पुर लिखकर इस स्थान का सम्मान किया जाना चाहिए। इस पर अपना वक्तव्य देते हुए मुखिया हीराकांत मिश्र ने बताया कि छठे वित्त आयोग से एक प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। जिस पर लिखा जाएगा जानकी नगर परिहारपुर। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध रंग कर्मी कमलेश झा ने बताया कि वटवृक्ष जैसा नाम है बट वृक्ष का उम्र भी वैसा ही होता है वह 1500 वर्ष से 2000 वर्ष तक होती है। उन्होंने इस मौके पर लोगों के लिए कामना किया कि सभी के जीवन में यश कीर्ति वृक्ष की तरह बढ़े। पंचायत पैक्स अध्यक्ष रंजय कुमार झा ने बताया की सरकार की तरफ से भी ऐसा पहल होनी चाहिए कि सड़क किनारे सार्वजनिक स्थानों पर वटवृक्ष लगाया जाए। पंचायत के सरपंच रामानंद झा ने बताया कि वटवृक्ष के संरक्षण के लिए जो भी कार्य किया जाना होगा उसको हम सभी मिलकर करेंगे। स्वक्षता पर्यवेक्षक मोहर झा ने बताया की इस तरह के आयोजन हर वर्ष आयोजित किया जाता रहे जिस से वट वृक्ष को महत्व एक एक लोगों तक पहूंचाया जा सके। कार्यक्रम में शिक्षक रामविलास साहू, संजय झा, दशरथ ठाकुर, लल्लन झा, आदित्य राज, शिक्षक संजय झा, राजेश झा, तिलिया देवी, दिलचन सदाई, बरुन सदाय, देविंदर सदाय, रजनी सदाई एवं दर्जनों लोग उपस्थित थे।