पंकज कुमार जहानाबाद ।
जहानाबाद जिले में खाद्य संरक्षा को लेकर प्रशासनिक सतर्कता और प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है। आज समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में आयोजित जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक इसका सशक्त प्रमाण है, जिसकी अध्यक्षता जिला पदाधिकारी अलंकृता पांडेय के निर्देशानुसार अपर समाहर्ता ब्रजेश कुमार ने की। बैठक में खाद्य सुरक्षा संबंधी सभी आवश्यक पहलुओं पर गंभीर विमर्श हुआ और कई प्रभावी निर्णय लिए गए।
आज जब बाजार में मिलावटी और अवमानक खाद्य पदार्थों की भरमार है, ऐसे में प्रशासन का यह प्रयास है कि वह न केवल नमूनों की नियमित जांच कर रहा है, बल्कि दोषी विक्रेताओं के विरुद्ध अभियोजन कर आर्थिक दंड भी लागू कर रहा है। विगत दो वर्षों में 256 नमूनों का संग्रह तथा ₹2.45 लाख का जुर्माना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
विशेष उल्लेख के योग्य है कि जिले में 100% Fortified Rice की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है, जो मध्यान्ह भोजन योजना और आईसीडीएस कार्यक्रम में बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर को सुदृढ़ करने में मददगार है। इसके साथ-साथ Fortified खाद्य तेल और Double Fortified आयोडाइज्ड नमक को भी योजना में सम्मिलित करने पर विचार हो रहा है, जो आगे चलकर एक समावेशी पोषण नीति का आधार बनेगा।
इसके अतिरिक्त, त्योहारों के दौरान छापामारी, चलंत खाद्य प्रयोगशालाओं का संचालन, दूषित खाद्य से जुड़ी बीमारियों पर जनजागरूकता कार्यक्रम जैसे कदम न केवल प्रशासन की दूरदृष्टि को दर्शाते हैं, बल्कि यह भरोसा भी जगाते हैं कि आमजन की सेहत को प्राथमिकता दी जा रही है।खाद्य कारोबारकर्ताओं को भी उनके कर्तव्यों की याद दिलाई गई—जिसमें गुणवत्ता सुनिश्चित करना, नियमों का पालन करना और रोगग्रस्त व्यक्तियों को खाद्य संचालन कार्य से दूर रखना शामिल है। यह केवल एक प्रशासनिक निर्देश नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व की पुनर्पुष्टि है।
यदि इसी प्रकार निगरानी, अनुशासन और सहभागिता बनी रही, तो निश्चित रूप से हम एक सुरक्षित एवं पोषक खाद्य तंत्र की ओर अग्रसर होंगे।बैठक में खाद्य सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई गई तथा आने वाले पर्व-त्योहारों को ध्यान में रखते हुए कड़ी निगरानी एवं कार्रवाई के निर्देश दिए गए।