रेलवे की लापरवाही से महाकुम्भ स्नान और मोक्ष से हुए वंचित तो पहुँचे उपभोक्ता आयोग, रेलवे को नोटिस जारी!

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रिपोर्ट- संतोष तिवारी

जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे को जारी किया नोटिस!

रेलवे की लापरवाही से महाकुम्भ स्नान और मोक्ष से हुए वंचित तो पहुँचे उपभोक्ता आयोग!

पीड़ित ने 50 लाख रुपये मुआवजा का किया दावा!

मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा पीड़ित की ओर से कर रहे हैं मामले की पैरवी!

मुजफ्फरपुर :- जिला उपभोक्ता आयोग मुजफ्फरपुर ने रेलवे को नोटिस जारी किया है। मामला रेलवे की लापरवाही के कारण प्रयागराज जाने से वंचित रह जाने से जुड़ा हुआ है। जिले के गायघाट थाना क्षेत्र के सुबास केशो ग्राम निवासी राजन झा ने अपने सास-ससुर के साथ 27 जनवरी को मुजफ्फरपुर से प्रयागराज तक जाने के लिए रेलवे का टिकट लिया था। जब ये लोग ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन गये, तब वहाँ पर ये लोग ट्रेन नहीं पकड़ पाये, क्योंकि ट्रेन का बोगी अंदर से बंद था। राजन झा ने इसकी शिकायत रेलवे प्रशासन से की, लेकिन रेल प्रशासन के द्वारा ट्रेन का बोगी नहीं खुलवाया गया। जिस कारण ये लोग महाकुम्भ स्नान से वंचित हो गये। विदित हो कि पीड़ित ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग, मुजफ्फरपुर में रेलवे के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया था, जिसमें उनके द्वारा 50 लाख रुपये बतौर मुआवजा का दावा किया गया है, जिसपर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने मुजफ्फरपुर रेलवे के स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, डीआरएम सोनपुर रेलमण्डल, जीएम ईस्ट सेंट्रल रेलवे एवं भारतीय रेल के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता एस.के.झा ने बताया कि यह पूरा मामला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सेवा में कमी की कोटि का है। चूँकि रेलवे प्रशासन की यह जिम्मेदारी थी कि मुजफ्फरपुर से प्रयागराज तक यात्रियों को समय पर पहुंचाए, लेकिन रेलवे ने ऐसा नहीं किया। यह पवित्र महाकुम्भ 144 वर्षों के बाद आया था। राजन झा और उनके परिजनों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान करना था। लेकिन रेलवे के द्वारा इन लोगों को मोक्ष से वंचित कर होना पड़ा। मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई 2025 को होगी। इसमें सभी विरोधी पक्षकारों को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का हुक्म दिया गया है।

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