दवा खाने के बाद उल्टी या चक्कर आना समस्या नहीं, फाइलेरिया परजीवी के मरने का है एक शुभ संकेत!

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रिपोर्ट- संतोष चौहान!

खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है
उम्र के अनुसार दवा का करना है सेवन

सुपौल :- राज्य के कई जिलों सहित सुपौल जिले में 10 फरवरी से एमडीए राउंड की शुरुआत की गयी है। एमडीए के विगत तीन दिनों में राज्य के कई जिलों से दवा सेवन के बाद बच्चों में उल्टी एवं दस्त की शिकायत आयी है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय एवं प्रखंड स्तरीय टीम के द्वारा त्वरित कार्यवाई करते हुए सभी बच्चों को जरुरी दवा एवं प्रबंधन किया गया है। किसी बच्चों में अधिक गंभीरता नहीं आयी है। सभी बच्चे अब स्वस्थ हैं। फाईलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभाव स्तर पर पूर्णता सुरक्षित है। जिन बच्चों में दवा सेवन के बाद उल्टी, चक्कर एवं सर दर्द जैसी शिकायत आयी है, उनके क्षेत्र में फाइलेरिया परजीवी का संक्रमण होने की पुष्टि होती है। इसे आसान शब्दों में समझें तो यह है कि दवा सेवन के बाद अगर किसी तरह की शारीरिक शिकायत होती है तो यह स्पष्ट होता है कि शरीर में पहले से फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे। दवा सेवन से परजीवी मरते हैं, जिसके कारण उल्टी, चक्कर या सर दर्द जैसे छोटी-मोटी शिकायत हो सकती है। अगर इसे दूसरे रूप में समझें तो यह एक शुभ संकेत है कि दवा फाइलेरिया परजीवी को मारने में असरदार साबित हो रही है। एक महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखें कि दवा का सेवन कभी भी खाली पेट नहीं करें। खाली पेट दवा सेवन करने से भी दवा का कुछ प्रतिकूल असर आता है। लेकिन एक बात याद रखें यदि फाइलेरिया के परजीवी शरीर में मौजूद हों और दवा का सेवन नहीं किया गया तो फाइलेरिया से संक्रमित होने की सम्भावना बनी रहेगी। यह परजीवी 5 से 10 साल के बाद भी आपको फाइलेरिया से ग्रसित कर सकते हैं। इसलिए हमें हर हाल में दवा सेवन ख़ुद करना होगा और अपने परिजनों को भी कराना होगा। आपका दवा सेवन करना ही फाइलेरिया को आपके परिवार, समाज, राज्य एवं देश से दूर कर सकता है। सिविल सर्जन डॉ० ललन कुमार ठाकुर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा तत्पर है। गाँव से लेकर जिला स्तर पर स्वाथ्य कर्मी किसी भी तरह की समस्या से आपको बचाने के लिए तैयार हैं। आइये एक बार फ़िर एक जुट होकर दवा सेवन का संकल्प लें और फाइलेरिया को दूर भगाएं।

उम्र के अनुसार दवा का करना है सेवन :

जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 15 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है।

ध्यान रखने योग्य जानकारी :

  • खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है।
  • दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है।
  • अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है।
  • फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
  • सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें।

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