दलित सेना के महाधरना में चौकीदार समुदाय की मांगों पर जोर, पशुपति पारस ने सरकार को दी चेतावनी!

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रिपोर्ट- अमित कुमार!

पटना, 21 जनवरी 2025: पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर दलित सेना के बैनर तले आयोजित विशाल एकदिवसीय महाधरना में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने चौकीदार समुदाय की मांगों को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया। इस महाधरना का मुख्य उद्देश्य आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को मजबूत करना और दलित समुदाय की समस्याओं को उजागर करना था।

चौकीदार समुदाय की मांगों पर जोर
महाधरना के दौरान पशुपति कुमार पारस ने चौकीदार और दफादार के पदों पर दलित समुदाय के लोगों की नियुक्ति की मांग को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा, “बरसों से चौकीदार संघ के लोगों का मन है कि उन्हें उनकी नौकरी में न्याय मिले। हजारों वर्षों से एक समाज और धर्म के लोग इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। जब तक सरकार इन मांगों को मान नहीं लेती, तब तक यह धरना जारी रहेगा।”

243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी का ऐलान
पारस ने कहा कि यदि एनडीए गठबंधन से सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती हैं, तो रालोजपा सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी बताया कि फरवरी में पार्टी की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें गठबंधन के स्वरूप और रणनीति पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

महाधरना में भारी जनसमर्थन
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भाग लिया, जिससे पार्टी के भीतर उत्साह और एकजुटता का माहौल देखने को मिला। पारस ने कार्यकर्ताओं से आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

सरकार को दी चेतावनी
महाधरना में पारस ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि सरकार चौकीदार समुदाय की मांगों को नहीं मानती है, तो रालोजपा सड़कों पर बड़ा आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक धरना नहीं, बल्कि दलित समुदाय के हक और अधिकार की लड़ाई है।

राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पारस के इस बयान से रालोजपा ने आगामी चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने और दलित वोट बैंक को साधने की रणनीति बनाई है। महाधरना के माध्यम से पार्टी ने यह संकेत दिया है कि वह अपने मुद्दों को लेकर गंभीर है और जरूरत पड़ने पर सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगी।

इस महाधरना ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और अन्य राजनीतिक दल इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।

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