रिपोर्ट- अमित कुमार!
योजना एवं विकास विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस: बिहार की प्रगति पर विस्तृत जानकारी, शहद उत्पादन नीति से लेकर मौसम पूर्वानुमान तक अहम घोषणाएं
पटना से बड़ी खबर, जहां योजना एवं विकास विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार की प्रगति और योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान हजारों योजनाओं की अनुशंसा और उनके कार्यान्वयन की स्थिति पर प्रकाश डाला गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत 7.77 लाख आवेदकों को 1,148.7 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। साथ ही, शहद उत्पादन नीति, पंचायत सरकार भवन निर्माण, और मौसम सेवा केंद्र जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा की गई।
मुख्य बिंदु:
- वित्तीय योजनाएं:
2023-24 में 300 योजनाओं की अनुशंसा, लागत 2.7 लाख करोड़ रुपये।
2024-25 में 148 योजनाओं की अनुशंसा, लागत 37,162 करोड़ रुपये।
- पंचायत सरकार भवन निर्माण:
2,000 पंचायत भवनों के निर्माण के लिए स्वीकृति।
1,560 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण।
- शहद उत्पादन नीति:
भूमिहीन किसानों को मधुमक्खी पालन से जोड़ने की पहल।
सूर्यमुखी, सहजन, सरसों, और लीची शहद पर विशेष ध्यान।
- मौसम सेवा:
बिहार देश का पहला राज्य, जो 3 घंटे के अंतराल पर असुविधा सूचकांक (Discomfort Index) और कोहरे का पूर्वानुमान प्रकाशित करता है।
“मौसम बिहार” एप और GIS आधारित डैशबोर्ड विकसित।
- कृषि और बागवानी:
बिहार मक्का उत्पादन में देश में प्रथम।
फसल विविधीकरण और उच्च मूल्य वाली फसलों को प्रोत्साहन।
- आकांक्षी जिलों का प्रदर्शन:
नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में बेगूसराय और नवादा जिलों को शीर्ष स्थान।
विशेष:
राज्य की अर्थव्यवस्था:
सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 14.47% की वृद्धि।
प्रति व्यक्ति आय 66,828 रुपये तक पहुंची।
आपदा प्रबंधन:
कोसी बाढ़ समुत्थान परियोजना के तहत 1,811 करोड़ रुपये का व्यय।
गणीतीय प्रतिमान संस्थान और भौतिक प्रतिमान संस्थान की स्थापना।
बाइट्स:
- संजय कुमार अग्रवाल (सचिव, योजना एवं विकास विभाग):
“हमारी योजनाएं बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।” - मंगल पांडेय (कृषि मंत्री):
“शहद उत्पादन नीति से भूमिहीन किसानों को सशक्त बनाया जाएगा।”
विश्लेषण:
योजना एवं विकास विभाग की यह पहल बिहार की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। शहद उत्पादन नीति और मौसम सेवा जैसे नवाचारों से राज्य को नई पहचान मिलेगी।




