रिपोर्ट- धर्मेंद्र कुमार
बिहार मे शराब बंदी है लेकिन अब स्कूलों मे उदहारण के तैर पर बच्चो को पढ़ाया जाता है ।यह मामला मोतिहारी के चर्चित ढाका प्रखण्ड के जमुआ मध्य विद्यालय में छात्रों को हिंदी की पढ़ाई के दौरान ब्लैक बोर्ड पर शराब की उदाहरण दी जाती है। सरकारी स्कूल में हिंदी मुहावरा के गजब गजब के उदाहरण देते हुए आज छात्रों को पढ़ाया गया है। आज बच्चों को पढ़ाया गया की गधा पाँव के फूलने का मतलब होता है समय पर दारू का नही मिलना ! कालेज ठंडा होना मतलब पैग गले के नीचे उतारना ! नेकी कर दरिया में डाल का मतलब होता है फ्री में दोस्तो को पिलाना ! आज के वक्त पर जब सूबे में पूर्ण शराबबंदी है तब स्कूल के ब्लैक बोर्ड पर शराब की पढ़ाई कोई शिक्षक अपने होशो हवास में तो नही ही पढ़ायेगा पर जब हमने इस बाबत ढाका के प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार से जानना चाहा कि क्या स्कूल में शराब की पढ़ाई करवाने की बात सही है तो प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी ने ना सिर्फ उक्त महिला शिक्षिका का नाम बताया बल्कि उन्होने यह भी बताया कि ब्लैक बोर्ड पर शराब का उदाहरण देकर पढ़ाई करवाने वाली शिक्षिका विनीता ने इनसे फोन पर मैसेज कर माफी मांगी है हमने उससे स्पष्टीकरण की मांग किया है। जब हमने जमुआ मध्य विद्यालय के प्रधानध्यापिका सुलेखा झा से बात किया तो उन्होंने भी बोर्ड पर शराब की पढ़ाई की बात को सत्य बताते हुए अपना दुखड़ा सुनाया। सुलेखा झा के मुताबिक चौथी क्लास के बच्चों को शराब की पढ़ाई पढ़ाई गई है। इधर जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने शराब की पढ़ाई करवाने वाली महिला शिक्षिका का नाम बताते हुए कहा कि ”विनीता कुमारी नाम की शिक्षिका के द्वारा यह पाठ पढ़ाया गया है उनसे सभी शैक्षणिक एवं अन्य प्रमाण पत्र के साथ स्पष्टीकरण की मांग की गई है। ” आरोपी शिक्षिका से हमने उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया पर फोन पर उनसे सम्पर्क नही हो सका है।