रिपोर्ट – संतोष तिवारी!
सुप्रसिद माता चामुंडा शक्तिपीठ स्थान, इस मंदिर की है विशेष मान्यता
मुजफ्फरपुर जिले में स्थित चामुंडा देवी मंदिर एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है, जो की न सिर्फ जिले भर में बल्कि राज्य और देशभर में प्रचलित मंदिरो में से एक है. जहां माता दुर्गा के अलौकिक रूप की पूजा होती है. बता दें की यह मंदिर मुजफ्फरपुर के पूर्वोत्तर में कटरा के गढ़ में स्थित है, जो जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है.
पौराणिक मान्यता है कि यहां देवी चामुंडा ने राक्षस चंड और मुंड दोनो भाइयों का वध कर जगत कल्याण किया था. मां चामुंडा देवी का स्वरूप पिंडनुमा है, जो स्वअंकुरित माना जाता है. यही कारण है कि यहां साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. विशेष रूप से दुर्गा पूजा के दौरान यहां का महत्व और भी बढ़ जाता है. जब आसपास के जिलों से रोज हजारों श्रद्धालु यहां आते है और माता की पूजा अर्चना कर अपनी अपनी मनोकामना मानते है.
बता दें की नवरात्रि और दुर्गा पूजा पर मां चामुंडा देवी मंदिर में विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते है. नौ दिनों तक चलने वाले इन आयोजनों में सैंकड़ो श्रद्धालु प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करते है. दुर्गा पूजा के दौरान अष्टमी तिथि को यहां विधिवत पूजा होती है, जिसमें मुजफ्फरपुर सहित आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं. इस दौरान एक विशेष मेले का भी आयोजन किया जाता है, जो स्थानीय और आए हुए श्रद्धालुओ के बीच उत्सव का माहौल पैदा करता है. मंदिर की एक और विशेषता यह है कि यह दो नदियां बागमती और लखनदेई के संगम पर स्थित है.
बाइट:प्रधान पुजारी पंडित मुरारी