रिपोर्टर — राजीव कुमार झा
मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड के रघौली पंचायत स्थित उसौथू गांव में दलित ,महादलित ,अतिपिछड़ी जाती के 76 पर्चा धारियों के भूमि पर अल्पसंख्य छात्रावास बनाया जा रहा था। जिसका पर्चा धारियों और स्थानीय लोगों के जबरदस्त विरोध के बाद जिला प्रशासन ने रोक लगा दिया है। वही पीड़ित लोगों के समर्थन में बिस्फी के बि जे पी विधायक सह बिहार विधान सभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक हरी भूषण ठाकुर बचौल उक्त भूमि पर ग्रामीणों के साथ धरना पर बैठ गए। धरने को मजबूती देने भाजपा जिलाध्यक्ष शंकर झा भी धरना स्थल पर पहुंचे और विधायक के सुर में सुर मिलाते हुए प्रशाशन को लताड़ लगाते हुए बताया की इस जगह पर अल्पसंख्यक नहीं अगर बनेगी तो बहुसंख्यक छात्रा वास बनेगा। हरिभूषण ठाकुर बचौल ने बताया की इस मामले की जानकारी गुरुवार को ही डीएम अरविंद कुमार वर्मा को उन्होंने दे दिए थें । उसके बाद भी बिना पूर्व किसी सूचना के ठेकेदार छात्रावास निर्माण कार्य शुरू करते हुए भूमि पर लगे धान के तैयार फसल को रोटावेटर मशीन से तहस नहस कर दिया। इसके बाद पर्चा धारियों में आक्रोश है। वहीं इस मामले की जानकारी होने पर बिस्फी , पतौना और औंसी सहित कई थानों की पुलिस के साथ बिस्फी के बीडीओ बसंत सिंह , सीओ निलेश कुमार शुक्ला सहित जिला से भारी संख्या में शस्त्र बालों के जवान उक्त भूमि पर पहुंच गए। मामले की जानकारी हरिभुषण ठाकुर बचौल के द्वारा बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ,भूमि सुधार सह राजस्व मंत्री सह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को दी गई जिसके बाद मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा को निर्देश दिया तब निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया। इस भूमि के पर्चा धारियों ने बताया की हजारों रुपए लगाकर फसल की रोपनी की थी जिसे बर्बाद कर दिया है।ग्रामीणों ने कहा की लाठी गोली खाएंगे लेकिन भूमि नही देंगे।
यह स्थान अल्पसंख्यक छात्रावास बनाने के लायक उपयुक्त नहीं है । इस भूमि के चहुओर भारी संख्या में बहुसंख्य की आबादी है। वही सरकार में रहते हुए भी अपने प्रशासन के विरुद्ध भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इतने गुस्से में किसी विधायक को कम ही देखा जाता है। विधायक स्थानीय लोगों के साथ भ्रष्ट प्रशासन हाय हाय का नारा लगाते हुए काफी गुस्से में दिखाई दे रहे थे। गनीमत की बात रही की किसी बड़े टकराव से पहले उक्त जमीन पर अल्पसंख्यक छात्रावास निर्माण कार्य को जिलाअधिकारी के आदेश के बाद रोक दिया गया। अन्यथा प्रशासन और विधायक समर्थकों में जबरदस्त टकराव होने से इंकार नही किया जा सकता है।