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धूमधाम से मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी,निकाला गया भव्य जुलूस।

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रिपोर्ट– विकास कुमार!

खबर सहरसा से है जहां सिमरी बख़्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से 12वीं रवि अव्वल शरीफ के मौके पर कड़ी सुरक्षा के बीच शहर में मोहम्मदिया जुलूस निकाला गया।बनमा इटहरी प्रखण्ड,सलखुआ प्रखंड एवं नगर परिषद सिमरी बख़्तियारपुर के भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भाग लिया,सैकड़ों बाईक, ट्रेक्टर और पांव पैदल लोगों ने मोहम्मदिया जुलूस में शामिल हुए।विभिन्न इलाकों से निकाला गया मुहम्मदिया जुलूस सिमरी बख्तियारपुर के डियोढ़ी स्थित एक जनसभा में तब्दील हो गया।दरअसल उर्दू कैलेंडर के अनुसार 12 रबी उल अव्वल के दिन जश्ने ईद मिलादुन नबी मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन सरवरे क़ायनात हज़रत मोहम्मद मुश्तफा सल्लल्लाहहो अलैहे वसल्लम साहब का जन्म हुआ था इस दिन दुनिया भर के मुसलमान धूम धाम से जश्ने ईद मिलादुन नबी मनाते हैं और हज़रत मुहम्मद मुश्तफा स. अ. के नाम से फातिहा दिलाते हैं।ड्योढ़ी स्थित आयोजित जलसा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुफ्ती मौलाना मुमताज आलम मिस्बाही ने हज़रत मोहम्मद मुश्तफा सल्लल्लाहहो अलैहे वसल्लम के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच उनका संदेश पहुंचाया। इस दौरान मुफ्ती मौलाना मुमताज आलम मिस्बाही ने इस्लाम और आतंकवाद के मामले पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि इस्लाम से पहले आतंकवाद था,दहशतगर्दी थी,महिलाओं पर जुल्म ढाया जाता था,दूसरों की दौलत पर कब्जा था,बात-बात पर जंग होती थी।लेकिन जब पैगम्बरे इस्लाम आया तो उसने आतंक को खत्म किया।महिलाओं को इज्जत और सम्मान मिला।दहशतगर्दी खत्म हुई।पैगम्बरे इस्लाम हम मुसलमानों पर आतंकवाद का इल्जाम अपनी जगह खुद एक बड़ा आतंकवाद है।

BYTE :- मुफ़्ती मौलाना मुमताज आलम।

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