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‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री ने 134 मामले निबटाये!

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:- रागिनी शर्मा

पटना, 09 अगस्त 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 134 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

अरवल से आये एक शिक्षक ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम नियोजित शिक्षक हैं और अन्यत्र कहीं स्थानांतरित कर दिये गये हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आप नियोजित शिक्षक नहीं हैं बल्कि शिक्षक हैं। मुख्यमंत्री ने शिक्षक की शिकायत पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिये। एक व्यक्ति की शिकायत थी कि उसकी पत्नी को कोरोना हो गया था, उस समय वे उसे लेकर दिल्ली चले गए, जहां उनकी पत्नी की मौत हो गई। जब पत्नी की मौत के बाद मुआवजे के लिए आवेदन दिया गया तो बताया गया कि मौत बिहार से बाहर हुई है इसलिए मुआवजे का प्रावधान नहीं है। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला की मौत भले ही बिहार से बाहर हुई है लेकिन वह बिहार की निवासी है, ऐसे में मुआवजा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संबंध में उचित कार्रवाई करें।

बांका जिले के शंभुगंज प्रखंड से आयी एक युवती ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम स्नातक पास हैं। इसके बाद भी मुझे प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये। एक युवती ने मुख्यमंत्री से कहा कि उसकी टीम में 10 लड़कियां हैं और सबने मिलकर दहेज प्रथा और बाल विवाह पर काम किया था लेकिन अभी तक उन लोगों को काम का भुगतान नहीं किया गया है। इस समस्या को लेकर वे लोग जहां भी जाती हैं उनसे यही कहा जाता है कि भुगतान कर दिया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने जांचोपरांत समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

भोजपुर से आए एक फरियादी ने कहा कि उसने 2016 में सहारा इंडिया में पैसा जमा किया था लेकिन उसका सारा पैसा डूब गया। यह सुनते ही मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारा इंडिया तो प्राइवेट बैंक है। प्राइवेट बैंक में पैसा क्यों जमा किये थे। मुख्यमंत्री ने इस मामले में भी अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिये।

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