नालंदा से ऋषिकेश!
बाढ़ जैसी त्रासदी का असर रहुई प्रखंड के कई पंचायतों में हर साल बरसात के वक्त किसानों और पंचायत के लोगों पर दिखने लगता है। हालांकि हर साल बाढ़ से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे और वादे भी किए जाते हैं लेकिन जैसे ही बरसात के वक्त बाढ़ जैसी त्रासदी उत्पन्न होती है तो सभी दावे और वादे हवा हवाई हो जाती है। झारखंड समेत आसपास के राज्यों में लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण झारखंड से छोड़े गए पानी का असर पंचाने नदी पर दिख रहा है, तभी तो पिछले 3 दिनों से लगातार पंचाने नदी का जलस्तर बढ़ने से रहुई अब प्रखंड के पहियारा बांध 4 दिनों के अंदर दो बार टूट चुका है। इस बांध के टूट जाने से हवनपूरा और मई फरीदा पंचायत के सैकड़ों किसान बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। एसडीओ बिहार शरीफ, प्रखंड विकास पदाधिकारी रहुई, अंचलाधिकारी रहुई, जल संसाधन विभाग के कई अधिकारी आज रहुई प्रखंड के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और कई दिशा निर्देश दिए जलस्तर के बढ़ने से इतासँग पंचायत के पुल पर भी पंचाने नदी का पानी चढ़ने लगा है। इतासंग पंचायत में पंचाने नदी के किनारे दर्जनों घरों के लोगों पर अब खतरा भी मंडराने लगा है। हालांकि इस खतरे को देखते हुए बीजेपी नेता अविनाश मुखिया ने मोर्चा संभाला और प्रशासन की मदद से जिस इलाके में जल स्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है वहां पर बोरे में मिट्टी को भरकर भरने का काम किया जा रहा है। वही मई फरीदा पंचायत स्थित पूल में भी जलस्तर बढ़ने से खाँड़ हो गया था। जिसे मुखिया और स्थानीय ग्रामीणों के मदद से भरने का काम किया गया है। पंचायत के मुखिया अरुण कुमार ने बताया कि इस इलाके में भी बाढ़ जैसी त्रासदी का असर मंडराने के बावजूद अभी तक इस इलाके में नाव की व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि इसके पूर्व में जब बाढ़ जैसी त्रासदी उत्पन्न हुई थी तो 400 घरों में बाढ़ का पानी घुस गया था। उस वक्त अंचलाधिकारी को नाव की व्यवस्था कराने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक ना तो नाव की व्यवस्था की गई है और ना ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की तैयारी चल रही है।