रिपोर्ट- मिथुन कुमार!
नालंदा:जाति जनगणना को लेकर बिहार में सियासी तापमान तेज हो गया है। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद विपक्ष जहां इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है, वहीं एनडीए नेताओं ने भी हमला बोलना शुरू कर दिया है।बिहारशरीफ परिसदन में आयोजित एक प्रेस वार्ता में जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “नरेंद्र मोदी हैं तो मुमकिन है और नीतीश कुमार हैं तो निश्चिंत है।” इस दौरान उन्होंने 1994 में लोकसभा में जाति जनगणना की मांग को लेकर नीतीश कुमार के उठाए गए मुद्दे का एक वीडियो भी प्रस्तुत किया।नीरज कुमार ने दावा किया कि देश में सबसे पहले जातिगत जनगणना की आवाज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही उठाई थी। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन की मुंबई बैठक के दौरान भी नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना कराने की बात रखी थी, जिस पर ममता बनर्जी ने विरोध जताया, कांग्रेस ने समर्थन किया, जबकि लालू प्रसाद यादव चुप रहे।प्रवक्ता ने कहा, “जब बिहार में जातिगत जनगणना हुई, तो लालू यादव की 468 करोड़ की संपत्ति सामने आई। अगर राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना हुई, तो तेजस्वी यादव और उनके परिवार की राजनीतिक पूंजी भी उजागर हो जाएगी।”नीरज कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, “राजनीति में कुछ पतित लोग हैं जो ज़ालिम राज्य के प्रतीक हैं। ऐसे पाखंडी नेता जो दावा कर रहे हैं कि जाति जनगणना उन्हीं के कारण संभव हुई, वे पूरी तरह से गलत हैं।”
बाइट: नीरज कुमार, प्रवक्ता, जदयू
मिथुन कुमार, संवाददाता नालंदा